खुदाई में निकले प्राचीन अवशेष दे रहे हैं मंदिर व कुंड होने का ऐतिहासिक सबूत
कुंदा(चतरा):- 17वी सदी में ध्वस्त सूर्य कुंड का जीर्णोद्धार अखंड हरी कीर्तन के साथ किया जाएगा। यह सूर्य कुंड 17वीं सदी से पूर्व राजतंत्र के दौरान बनाया गया था, लेकिन बुजुर्गो की माने तो मुगल साम्राज्य के राजा औरंगज़ेब के सूबेदार दाउद खां ने 17वी सदी मे चढ़ाई कर ध्वस्त कर दिया था।इस पवित्र स्थल के जीर्णोद्धार के लिए सूर्यकुंड नवनिर्माण समिति के अध्यक्ष मनोज यादव, सचिव लवकुश गुप्ता व कोषाध्यक्ष अनुज गुप्ता के नेतृत्व में अखंड हरी कीर्तन का आयोजन 25 फ़रवरी प्रातः सात बजे कलश यात्रा के साथ शुरुआत की जाएगी।यह आयोजन सूर्य कुंड के पुनर्जीवन के लिए किया जा रहा है, जो महादेव मठ का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर है।इस आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य धर्मिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग भी भाग लेंगे। यह आयोजन न केवल सूर्य कुंड के जीर्णोद्धार के लिए किया जा रहा है, बल्कि यहां के स्थानीय समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
खुदाई में निकले प्राचीन अवशेष दे रहे हैं सूर्य कुंड होने का ऐतिहासिक सबूत
हाल ही में की गई खुदाई में प्राचीन अवशेष मिले हैं, जो यहां स्थित सूर्य मंदिर के होने का सबूत दे रहे हैं। ये अवशेष इतने प्राचीन हैं कि वे इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को उजागर कर रहे हैं।खुदाई के दौरान मिले अवशेषों में प्राचीन मंदिर के अवशेष, मंदिर का पिलर और अन्य प्राचीन अवशेष शामिल हैं। ये अवशेष इस बात का सबूत दे रहे हैं कि यहां एक समय में सूर्य मंदिर हुआ करता था।स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां की प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने पर्यटक विभाग से सूर्यकुंड व मंदिर का जीर्णोद्धार कर महादेव मठ की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए कदम उठाने की बात कही है।स्थानीय लोगों ने कहाँ है की यह प्राचीन धरोहर को समझने और संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
