Eksandeshlive Desk
प्रतापपुर(चतरा): एक तरफ जहां सरकार आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार जैसे महत्वकांक्षी योजना के तहत गांव गांव शिविर लगा कर आम ग्रामीणों को हर संभव मदद तथा सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए कृत संकल्प है एवं गरीब व जरूरतमंद लोगों को रोटी कपड़ा और मकान देने का वादा निभा रही है वहीं कुछ लोगों के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को धता बताते हुए इसका मखौल उड़ाया जा रहा है। ताजा मामला प्रखंड के योगियारा पंचायत में स्थित जन वितरण प्रणाली की दुकान के डीलर लीलावती देवी पति मुरारी साव का है। जहां दिसंबर माह का राशन लेने आए कई दर्जन लाभुकों ने डीलर के द्वारा कम अनाज दिए जाने पर बवाल काटा तथा राशन लेने से इंकार करते हुए प्रतापपुर भाग एक के जिला परिषद सदस्य के घर पहुंच गए तथा कम राशन देने की बात कही। वहीं लाभुकों का कहना है की डीलर के द्वारा प्रत्येक महीना में इसी प्रकार राशन काट कर दिया जाता है जबकि अंगूठा 10– 12 दिन पहले लगवा लिया जाता है। डीलर के द्वारा पीला कार्ड वाला को 30 किलो कह कर राशन दिया जाता है परंतु दूसरे तराजू पर तौलवाने से 27 किलो या 28 किलो वजन होता है। उसी तरह लाल कार्ड धारी से प्रति आदमी एक किलो राशन काट कर दिया जाता है जब हमलोग विरोध करते हैं तो अपशब्द का प्रयोग कर बोला जाता है की जहां जाना है जाओ बीडीओ के पास जाओ चाहे डीसी के पास जाओ।। ताज्जुब की बात तो यह है की जब इन आरोपों को लेकर डीलर पति मुरारी साव से पूछा गया तो उनका कहना है की मैनेज कर के चलते हैं। मैनेज का मतलब क्या है यह पूछे जाने जवाब नही दिया। पीला कार्ड धारियों से 5 किलो तथा अन्य लाल कार्डधारियों से प्रति व्यक्ति एक किलो राशन काटकर देने के सवाल पर उनका जवाब काफी हास्यपद था उनका कहना था की कार्डधारी लोग अपना खुशी से एक दो किलो अनाज छोड़ देते हैं। वाह री जनता जिनका पेट भरने के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा राशन भी कम पड़ जा रहा हो वह लाचार गरीब लाभुक अपनी मर्जी से राशन छोड़ देती है?? वहीं अंगूठा लगाकर दस बारह दिन बाद दूसरे इलेक्ट्रोनिक तराजू पर राशन तौल कर दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा की नेटवर्क का दिक्कत के कारण ऐसा करते हैं। वहीं पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिप प्रतिनिधि संतोष कुमार राणा का कहना है की एक जनप्रतिनिधि होने के नाते कई बार मुझे लोगों का कोपभाजन बनना पड़ता है। जैसा कि आप देख हीं रहे हैं की सारे कार्डधारी लाभुक मेरे घर पर पहुंचे हुए हैं । इसको लेकर मैं कई बार प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सहित डीएसओ तथा जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी के संज्ञान में बात रखा हूं परंतु आज तक कोई कार्यवाई नही हुई है तथा लाभुक के अनाज में कटौती बदस्तूर जारी है। परंतु मैं हार मानने वालों में से नही हूं इस बात को लेकर जल्द हीं मैं उपायुक्त चतरा तथा मुख्य सचिव रांची से मिलूंगा और जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी मिलकर गरीबों के हक एवं अधिकार के लिए सारी बातें संज्ञान में पहुंचाने का काम करूंगा।।