आशुतोष झा
काठमांडू: नेपाल में बहुलराष्ट्रीय राज्य की स्थापना के लिए मधेश प्रदेश की राजधानी जनकपुरधाम में राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति को लेकर वृहद संवात्मक कार्यक्रम संपन्न हो गया है। इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री राजेन्द्र महतो थे। महतो ने इस अभ्यंतर कहा कि अब नेपाल की आधी आबादी मधेश की करोड़ों जनता मधेशवाद से लेकर स्वदेशवाद तक की यात्रा तय करेगी। तीन करोड नेपाली जनता और विभिन्न राष्ट्रीयता के गर्व और सम्मान करने के लिए बहलराष्ट्रीय राज्य की स्थापना के अभियान में वे दिन-रात एक कर जुटे हुए हैं। नेपाल के दर्शनशास्त्री तथा क्रांतिकारी नेता बुद्ध छिरिंग मोक्तान ने कहा कि उदारवाद और मार्क्सवाद ने हमारी सभ्यता और संस्कृति को ही नहीं वरन जीवन और जगत दोनो को सम्यक रूप से संकट में खड़ा कर दिया है। उक्त कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुक्ति क्रांति के नेता केशव झा ने कहा कि मधेशी हमेशा अकेले ही लड़ते आए हैं और शासकवर्ग ने आदिवासी और जनजातियों के साथ मधेशियों का मिलन होने नहीं दिया। शासकवर्ग ने “डिभाइड एण्ड रूल” की नीति अख्तियार कर मधेश और मधेशियो को निर्बल बनाए रखा। झा ने कहा कि अब नेपाल में सदा असहाय और उत्पीडित रहे मधेशियों, आदिवासियों तथा जनजातियों का मिलन एक अपरिहार्य आवश्यकता है।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री तथा संविधान सभा सदस्य रामनरेश राय, राजीव झा, सि एन थारू, सुमन सायमी, रविन्द्र श्रेष्ट, कमला गुरूंग, आरके तामांग, बुद्धिजीवी महारुद्र झा, डॉ० विनोद साह, पवन मंडल सहित विभिन्न जिलों से आए नेता संतोष मेहता, चन्द्र प्रसाद राजवंशी, दीपेन्द्र चौधरी, कौशल सिंह, रामज्ञान मंडल, दीपक यादव, रमन पांडे, विनोद साह, रामबाबू कलवार, नेजामुद्दीन सोमानी आदि ने भी अपने मंतव्य व्यक्त किए थे। इस कार्यक्रम का संचालन संजय चौधरी ने किया था।