Eksandeshlive Desk
रांची: सवर्ण समाज संयोजक समिति के प्रदेश संयोजक मनीष कुमार सिंह ने बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग आयोग आदि की तरह ही सवर्ण आयोग के गठन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के आरक्षण की सीमा 10 प्रतिशत से बढाकर 21 प्रतिशत करने, आरक्षण का आधार जातिगत की बजाय आर्थिक किये जाने, राजनीतिक दलों के द्वारा सवर्ण जाति को महत्व न देने एवं नजरअंदाज करने, यदि जातिगत जनगणना हो तो उसे वास्ताविकता पर आधारित करने, सवर्ण जाति की संख्या का गलत आँकड़ा प्रस्तुत करने के मुद्दे, सवर्ण समाज के गरीब लोगों के लिये नि:शुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कानूनी सहायता की व्यवस्था करने, सवर्णो के विरुद्ध अपमानजनक भाषा पर रोक लगाने, सवर्ण जातियों के युवाओं के तकनीकी एवं व्यावसायिक कौशल का लाभ उठाकर झारखण्ड एवं देश के विकास के साथ ही और यहाँ के लोगों के जीवन स्तर के उन्नयन के लिये राज्य सरकार से व्यावहारिक योजना तैयार करने की माँग की गयी. इसके अलावा, सवर्णो को गलत तरीके से प्रताड़ित होने से बचाव के लिये एससी / एसटी एक्ट में अपेक्षित संशोधन की सरकार से माँग की गयी और कहा गया कि यदि सरकार ने इसपर अपेक्षित कदम नहीं उठाया तो सवर्ण समाज संयोजक समिति आंदोलनात्मक रवैया अख्तियार करेगी.
बैठक में 5 लाख से कम वार्षिक आय वाले सवर्ण परिवार को गरीब का दर्ज़ा देने, गरीब सवर्णों को सभी कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने, 5 लाख रूपये से कम पारिवारिक आय वाले सवर्ण समाज के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति देने की मांग की गई. इस बैठक में मुख्य रूप से मनीष कुमार सिंह, प्रणव कुमार बब्बू, धर्मेन्द्र तिवारी, सूरज कुमार सिन्हा, दिलीप कुमार सिंह, सुप्रिया सिंह, प्रीति चौधरी, सुप्रिया दास, विमलेश कुमार सिंह, यश सिंह परमार, रोहित कुमार पाण्डेय, अजय सिंह, ललिता मुख़र्जी सहित अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.