Eksandeshlive Desk
हजारीबाग : जिला तैलिक समाज द्वारा मंगलवार को अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में इंद्रलोक टावर में दानवीर भामाशाह जी की जयंती मनाई गई। मंच संचालन जिला महासचिव ओरिया निवासी नारायण साव ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्ष द्वारा दानवीर भामाशाह की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद समाज।के प्रबुद्ध व गणमान्य लोग भी माल्यार्पण कर उनके जीवनी पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर सोमर साहू ने हल्दी घाटी की उस लड़ाई पर विस्तार से बताकर लोगो को बताया कि किस तरह दानवीर भामाशाह ने अपनी सारी संपत्ति महाराणा प्रताप को दान में देकर उनकी मदद की और इतिहास के पन्नो में उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। उनके जीवनी पर अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि दानवीर भामाशाह का जन्म राजस्थान के मेवाड़ राज्य में वर्तमान पाली जिले के सादड़ी गांव में 23 अप्रैल 1547 को ओसवाल में हुआ। उनके पिता का नाम भारमल था जो रणथम्भौर के किलेदार थे। बाल्यकाल से मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के मित्र, सहयोगी और विश्वासपात्र सलाहकार थे। अपरिग्रह को जीवन का मूलमन्त्र मानकर संग्रहण की प्रवृत्ति से दूर रहने की चेतना जगाने में आप सदैव अग्रणी रहे। मातृ-भूमि के प्रति अगाध प्रेम था और दानवीरता के लिए भामाशाह नाम इतिहास में अमर है। महासचिव नारायण ने दानवीर भामाशाह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हल्दी घाटी के युद्ध के पश्चात महाराणा प्रताप के लिए उन्होंने अपनी निजी सम्पत्ति में इतना धन दान दिया था कि जिससे 25000 सैनिकों का बारह वर्ष तक निर्वाह हो सकता था। प्राप्त सहयोग से महाराणा प्रताप में नया उत्साह उत्पन्न हुआ और उन्होंने पुन: सैन्य शक्ति संगठित कर मुगल शासकों को पराजित करा और फिर से मेवाड़ का राज्य प्राप्त किया। समाज के अन्य लोगो ने भी उनकी जीवनी से प्रेरित होने की बात कही। मौके पर जिला सचिव अशोक साव, जिला युवा महासचिव रामकिशोर सावंत, उपाध्यक्ष रामचंद्र साव, रघुनंदन साव उर्फ बाबू, नारायण साव, महिला अध्यक्ष रेणुका साहू, महिला संग्रक्षक शीला देवी, महिला नगर अध्यक्ष शिला साहू, महिला महासचिव रेखा कुमारी, मीडिया प्रभारी हेमराज कुमार साहू, व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रदीप साहू, मंडई अध्यक्ष दशरथ साव, चंद्रिका साहू, सोमर साहू, मानकी साव, रोहित कुमार गुप्ता, रूना देवी, देवाशीष गुप्ता, सुमित कुमार गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए।