Eksandeshlive Desk
रांची : राम कथा सतसैया का तीर है जो अपने अंदर वृक्ष को संभाल कर रखा है। कम बोलो गम खाओ ,यह राम से सीखो।
राम कथा वाचक आचार्य कुलदीप जी, मेरठ के नेतृत्व में शनिवार को डी ए वी नंदराज पब्लिक स्कूल में सीनियर सिटीजन होम की ओर से संगीतमय राम कथा का चौथा दिन हवन यज्ञ के साथ हुआ।
सर्वप्रथम संजय गोयल जी ने कथावाचक आचार्य कुलदीप जी का तिलक करके स्वागत किया। विजय क्षापरिया, प्रांतीय अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती, श्रीमती सुनील गुप्ता, राजीव रंजन सहाय, जे एन दास, जलेश्वर चौधरी, राम नरेश सिंह, लाल मनी जी आदि ने दीप प्रज्वलित किया।
कथावाचक कुलदीप ने महर्षि दयानन्द, सनातन धर्म और आर्यसमाज इस पुस्तक का लोकार्पण किया । यह पुस्तक आर्यसमाज रांची से प्रकाशित है जिसमें सनातन धर्म की व्याख्या है । हरेक को इसे पढ़ना चाहिए।
आचार्य जी ने गृहस्थ धर्म-कर्म के कर्तव्यों को समझाया। अधिकारी नहीं कर्तव्य परायण बनो । गृहस्थ त्याग के अभ्यास का आश्रम है। केवल भोग का नहीं। आज मां दही को जमने नहीं देती , हरेक घंटे हिला कर देखती है जो सही नहीं है। सीता अनसूया से शिक्षा लेती है। कैकेयी को धन्यवाद करो कि राम को आदर्शवादी राम बना दी। सेफ जोन से हटो तभी तरक्की संभव है। राम घुमंतू बन दंडकारण्य में डेरा डालते हैं। हवन संध्या करते हैं तभी एक दिन सोने के मृग को मां सीता देखती है।
मंच का संचालन अशोक पाठक ने किया। इस अवसर पर आर्यसमाज रांची की ओर से आर्ष पुस्तक का स्टाल भी लगाया गया है।