झारखंड में चल रहा है डिक्टेटरशिप: हिमंता बिस्वा सरमा

360° Ek Sandesh Live Politics


by sunil

रांची : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता सह असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सीएम हेमंत सोरेन को उनके द्वारा किए गए वादे घेरते हुए कहा कि शिबू सोरेन का बेटा अपना वादा नहीं निभा सकता तो ये वादा कौन निभाएगा। पूरा झारखंड हेमंत सोरेन से पूछ रहा है कि हमें तो नहीं मिला आपको मिला । हेमंत सोरेन ने वीर शहीद निर्मल महतो के समाधी स्थल पर प्रण लिया था कि पांच लाख को नौकरी नहीं दे पाऊंगा तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा। अब वे एक महीने और इंतजार करेंगे या 30 सितंबर या दो अक्तूबर को राजनीति से विधिवत सन्यास ले लेंगे। नवंबर में चुनाव होना है अक्तूबर में शासन इलेक्शन कमीशन के हाथ में चला जाएगा। हिमंता रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले । उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ता का 15 हजार करोड़, विधवा महिलाओं के पेंशन के 3750 करोड़, 40 लाख महिलाओं के 50 हजार भत्ता गारंटी ऋण के 250 लाख करोड़, चूल्हा भत्ता के 7000 करोड़ कहां गए। हिमंता ने कहा कि झारखंड में डिक्टेटरशिप चल रहा है। झारखंड में सीएम से पावरफुल बालू माफिया हो गए हैं। बालू सोना के भाव मिल रहा है। कीमत 5500 से 6000 रुपए सीएफटी हो गई है। माफिया बोल रहे हैं कि फ्री में बालू नहीं देंगे। जबकि सीएम ने फ्री में बालू देने की घोषणा की है। माफिया सीएम से ज्यादा पावरफुल हो गए हैं. वहीं सीएम को घुसपैठिए का भी मुद्दा अच्छा नहीं लगा। हिमंता ने कहा कि झारखंड में ऐसा डीजीपी नहीं चल सकता। डीजीपी पर तंज कसते हुए कहा कि तेल लगाना है तो इतना भी मत लगाओ। लिमिट मत क्रॉस कीजिए। युवा आक्रोश रैली के दौरान बिना नाम के 12 हजार युवाओं पर एफआइआर करना, ऐसा मैनें कहीं नहीं देखा। जलियांवालाबाग में भी ब्रिटिश ने ऐसा एफआइआर दर्ज नहीं किया था। अगर डीजीपी ने तीन दिन के अंदर 12 हजार का नाम नहीं बताया तो चुनाव आयोग और कोर्ट जाएंगे। डीजीपी को हम बाद में कानून सिखा देंगे। चुनाव आयोग से आग्रह करेंगे कि ऐसे डीजीपी के अंडर में चुनाव नहीं हो सकता। डीजीपी ने गलत जगह पर हाथ लगा दिया. रंधीर सिंह और कोचे मुंडा पर एफआइआर दर्ज किया गया. जबकि वे रांची में नहीं थे। हिमंता ने कहा कि आइपीएस को न जेएमएम न बीजेपी का कार्यकर्ता बनना सही है। डीजीपी पर पहले राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के साथ होने का आरोप था। अब जेएमएम के साथ होने का आरोप है। इन दोनों बातों से चुनाव आयोग को अवगत कराया जाएगा।