Eksandesh Desk
रांची: झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के आह्वान पर झारखंड सरकार द्वारा झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2014 में अहितकारी संशोधन करके झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली, 2024 बनाकर वनपाल के शत प्रतिशत प्रोन्नति के पद में कटौती करते हुए 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति करने के निर्णय के विरुद्ध (जिले का नाम) जिले के सभी वनरक्षियों ने अपने सभी विभागीय कामकाज को छोड़कर 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वनरक्षियों का हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहा।
वनरक्षियों का कहना है कि पिछले 3 साल से विभाग में एक भी वनपाल(फोरेस्टर) नहीं है। विभाग पिछले 3 साल से बिना किसी भत्ता के वनरक्षियों से प्रभारी वनपाल का कार्य करवा रही है। विभाग को निस्वार्थ भाव से 3 साल प्रभारी वनपाल का सेवा देने के बाद जब आज वनरक्षियों का वनपाल में प्रोन्नति का समय आ रहा है तब विभाग इनकी प्रोन्नति रोककर वनपाल की बहाली करने जा रही है और इसी के विरोध में राज्य के सभी वनरक्षी हड़ताल पर चले गए हैं।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के संयुक्त मंत्री पंकज पाठक, जोनल मंत्री रौशन सिंह, जोनल अध्यक्ष प्रवीण शुक्ला, जिला मंत्री धीरेन्द्र चौबे, साकेत पाण्डेय सहित शशांक पाण्डेय, पुष्पराज सिंह, शशि कांत कुमार, राजू कुमार, मुकेश मिंज, दीपक मिश्रा, देवेंद्र कुमार देव दिना शर्मा, रिंकू पांडेय, सुनील कुमार, सहित पलामू जोन के लगभग 330 वनरक्षी मौजूद रहे।