संगठन का स्वरूप सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी होना चाहिए : शिवजी क्रांति

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रांची: अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत बैठक और स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन समारोह का आयोजन रानी सती मंदिर के प्रांगण में दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया। दूसरे दिन के सत्रों में संगठन की आगामी योजनाओं, कार्य विस्तार और जन-जागरण पर केंद्रित चचार्एं हुईं। इस बैठक के तीन सत्र थे, जिनमें सदस्यों द्वारा विचार-विमर्श और कार्य योजना की प्रस्तुति दी गई। पहले सत्र में झारखंड प्रांत के संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति ने संगठन के उद्देश्यों और वार्षिक कैलेंडर की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संगठन का स्वरूप सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी होना चाहिए, ताकि यह समाज के हर तबके तक पहुंच सके। दूसरे सत्र में सभी जिलों के सदस्यों ने समूह बनाकर अपने-अपने कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया और उसकी प्रस्तुति दी। इस दौरान संगठन की आगामी गतिविधियों पर चर्चा की गई, ताकि इसे और प्रभावी बनाया जा सके। तीसरे सत्र में सभी सहभागी कार्यकतार्ओं ने अपने अनुभव साझा किए। इस सत्र में राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनकर सबनीस ने बौद्धिक विमर्श के दौरान जन जागरण के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें उपभोक्ता हित के लिए सजग रहते हुए त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उपभोक्ता जागरूकता को बढ़ाने के लिए साहित्य, विद्यालय, महाविद्यालयों में स्टूडेंट क्लब की स्थापना की जानी चाहिए। समापन सत्र का संचालन प्रांत पर्यावरण आयाम प्रमुख डॉ. अनीता शर्मा ने किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त जी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष बसंत कुमार गोस्वामी उपस्थित थे। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री दिनकर सबनीस और समिति अध्यक्ष पद्म श्री छुटनी महतो भी कार्यक्रम में शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध संगीत शिक्षिका श्रीमती मोइत्री बनर्जी भी उपस्थित रहीं। समारोह की शुरूआत डॉली परिहार द्वारा प्रस्तुत ग्राहक गीत से हुई, जिसके बाद मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्वलन किया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस ने अपने वक्तव्य में उपभोक्ताओं की समस्याओं और विज्ञापनों के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ब्रांड के नाम पर ग्राहकों के साथ धोखा हो रहा है और एमआरपी एक भ्रम के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने एक ऐसी नीति की आवश्यकता पर जोर दिया जिससे उपभोक्ताओं को सही मूल्य और जानकारी मिल सके। मुख्य अतिथि बसंत कुमार गोस्वामी ने कहा कि “सशक्त भारत तभी बनेगा, जब उपभोक्ता सशक्त होंगे।” उन्होंने उपभोक्तावाद से बचने और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने झारखंड में मध्यस्थता की शुरूआत के बारे में भी विचार साझा किए। मोइत्री बनर्जी ने अपने वक्तव्य में संगीत के माध्यम से ग्राहक जागरूकता को बढ़ावा देने की बात कही।पद्म श्री छुटनी महतो ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे वे अनपढ़ होते हुए भी अपने समुदाय में उपभोक्ता जागरूकता के लिए कार्य कर रही हैं।समारोह अध्यक्ष बलबीर दत्त ने अपने संबोधन में उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए नैतिक बल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवल कानूनों से उपभोक्ताओं की रक्षा संभव नहीं है, इसके लिए समाज में नैतिक बल का होना आवश्यक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे देशभर में उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी की जा रही है। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का यह आयोजन उपभोक्ता जागरूकता के प्रति एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ, जहां सभी सदस्यों ने संगठन के उद्देश्यों और जन-जागरण के लिए भविष्य की कार्ययोजना को विस्तार से प्रस्तुत किया।