Kamesh Thakur
रांची: रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री सह प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि खाटू श्याम प्रभु का जन्म उत्सव हर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन देवउठनी एकादशी का भी व्रत रखा जाता है। खाटू श्याम जी का जन्म दिवस 12 नवंबर को बड़े ही उत्साह एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के अवतार श्री श्याम प्रभु के जन्म की याद में मनाया जाता है, जो अपने भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, श्री श्याम प्रभु का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण ने श्री श्याम प्रभु के रूप में अवतार लिया था और उन्होंने अपने भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाया। खाटू श्री श्याम जी को कलयुग का देव माना जाता है इनका हारे का सहारा कहा जाता है ऐसा माना जाता है जो भी व्यक्ति हार कर इनके दर पर जाता है बाबा उसको जीत दिलाते हैं खाटू श्याम जी का जन्मदिन हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की ग्यारस यानी एकादशी तिथि को दिन मनाया जाता है।
हालांकि कुछ लोग बाबा का जन्मदिन फाल्गुन मास ग्यारस तिथि मनाते हैं। खाटू वाले बाबा का जन्म दिन खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के अलावे पूरे देश में बहुत ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है बाबा के भक्तों को बाबा के जन्मदिन का पूरा साल इंतजार रहता है। श्री श्याम प्रभु की कथा के अनुसार, श्री श्याम प्रभु का जन्म एक गरीब ब्राह्मण के घर में हुआ था। उनके माता-पिता ने उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में पहचाना और उन्हें भगवान के रूप में पूजा की। श्री श्याम प्रभु ने अपने जीवन में कई चमत्कार किए और अपने भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग दिखाया। उन्होंने अपने भक्तों को सिखाया कि भगवान की भक्ति करना और उनकी आराधना करना ही जीवन का सच्चा उद्देश्य है। खाटू श्याम प्रभु का जन्म उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री श्याम प्रभु की पूजा की जाती है और उन्हें फूल, फल और मिष्ठान्न अर्पित किए जाते हैं।
भगवान श्री श्याम प्रभु की आरती की जाती है और उनकी कथा सुनी जाती है। खाटू श्याम प्रभु के जन्म उत्सव का महत्व बहुत अधिक है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के अवतार श्री श्याम प्रभु के जन्म की याद में मनाया जाता है और इस दिन की पूजा और आराधना से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख और समृद्धि आती है। खाटू श्याम प्रभु का जन्म उत्सव एक पवित्र परंपरा है।