Eksandeshlive Desk
छतरपुर : सनातन हिंदू एकता यात्रा 5वें दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश पहुंची। यात्रा में फिल्म अभिनेता संजय दत्त और द ग्रेट खली शामिल हुए। संजय दत्त ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को छोटा भाई बताते हुए कहा कि ये मुझे कह दें कि संजू बाबा मेरे साथ ऊपर चले चलो तो मैं चला जाऊंगा। मैं हमेशा गुरुजी के साथ हूं। वहीं गुरु जी ने कहा कि जब मैं खुद को असुरक्षित महसूस करता हूं तो संजू बाबा को याद कर लेता हूं और सुरक्षित हो जाता हूं। यात्रा में शामिल खली ने एक साधु की चोटी पकड़कर उसे एक हाथ से उठा लिया। उन्होंने कहा कि पहले सनातन, फिर जात-पांत। यात्रा में मप्र शासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक संजय पाठक, छिंडवाड़ा सांसद बंटी साहू, मऊरानीपुर विधायक, झांसी सांसद अनुराग शर्मा, मंत्री रामेश्वर शर्मा सहित हजाराें लाेग शामिल रहे।
धीरेंद्र मेरे छोटे भाई, जिन्हें मैं गुरुजी कहता हूं : संजू
सोमवार सुबह 10 बजे यात्रा की शुरुआत देवरी रेस्ट हाउस से शुरू हुई। यात्रा 22 किमी का सफर तय कर रात उत्तर प्रदेश के ग्रामोदय मऊरानीपुर में विश्राम के लिए पहुंच गई। सुबह यात्रा शुरू होते ही गायिका कविता शर्मा सांस्कृतिक मंच पर पहुंचीं और उन्होंने बुंदेली गीत दोना कहे नहीं ले लाए गीत की प्रस्तुति दी। सनातन हिंदू एकता यात्रा में शामिल होने पहुंचे बालीवुड अभिनेता संजय दत्त करीब 2 किलोमीटर तक ध्वज लेकर पैदल चले। संजय दत्त ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा कि मेरे छोटे भाई, जिन्हें मैं गुरुजी कहता हूं। ये जो काम कर रहे हैं, यह बहुत ही बड़ा काम है। इनके लिए मैं कहीं भी खड़ा हो सकता हूं और खड़ा रहूंगा। इन्होंने अगर मुझे कह दिया कि संजू बाबा मेरे साथ ऊपर भी चले चलो तो मैं चला जाऊंगा। गुरुजी हमेशा आपके साथ हूं और रहूंगा। संजय दत्त ने कहा कि यात्रा के जरिए बहुत बड़ा मैसेज दिया जा रहा है। आप जमीन पर बैठने की बात कह रहे हैं। मैं जेल काट चुका हूं तो जमीन क्या चीज है भैय्या। यात्रा में पैदल चलने को लेकर कहा कि मेरे पिता ने एक चीज कही थी कि पेड़ जितना भी ऊंचा रहे, यदि फल आए तो पेड़ को झुकना ही चाहिए। उसी सीख के चलते मैं यहां आया हूं। ऐसी कोई बात नहीं है कि मैं स्टार हूं या संजय दत्त हूं। मैं जमीन का आदमी हूं और ये सब मेरे ही लोग हैं। गुरुजी मेरे गुरु हैं यह हमने सीखा है।
भाईचारा रहेगा तो हमारा देश मजबूत बनेगा : खली
यात्रा में शामिल होने आए खली को पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ चल रहे एक साधु ने उनकी चोटी पकड़कर उठाने को कहा। खली ने पूछा कि सही में उठा लूं। साधु ने कहा उठाइए। इस पर खली ने चोटी पकड़कर एक साथ से साधु को उठा लिया। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी ताली बजाते हुए खली से बात की। खली ने दिल्ली से आए अपने दोस्त का परिचय करवाते हुए कहा कि इनकी आपसे मिलने की काफी इच्छा थी। पंडित शास्त्री ने उन्हें आशीर्वाद दिया। खली ने यात्रा को लेकर कहा कि पहले हमारा सनातन है। इसके बाद जात-पात। उन्होंने कहा कि महाराज के संकल्प को पूरा करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। महाराज जात-पात और भेदभाव मिटाने का जो अभियान चला रहे हैं उसको आगे बढ़ाना है। आपस में भाईचारा रहेगा तो हमारा देश मजबूत बनेगा।
देश में न कोई बड़ा है ना ही छोटा : पंडित धीरेंद्र शास्त्री
पंडित शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा इस देश की नई क्रांति है। देश में न कोई बड़ा है ना ही छोटा। यह उन लोगों के लिए एक सीख है जो यश कीर्ति पाने के बाद उन लोगों को नहीं जानते और पूछते हैं, जिन्होंने उन्हें बड़ा बनाया। संजू बाबा को इसलिए लोग बड़ा कहते हैं कि आज भी एक आम आदमी उनके बगल में बैठा है। यह इस पदयात्रा की सबसे बड़ी खूबसूरती है। यही इसकी सफलता है। इसने सड़क पर हमें यह सीख दी है कि न कोई छोटा है, ना ही बड़ा। ना जात, न पात। न ऊंच, न नीच। न छुआ, न छूत सब एक हैं क्योंकि सब ईश्वर की संतानें हैं। ईश्वर ने ही किसी काे अलग-अलग नहीं बनाकर भेजा। उसने ठप्पा लगाकर नहीं भेजा कि यह अगड़ा है यह पिछड़ा है, ईश्वर ने इंसान बनाकर भेजा है। संजू बाबा के कारण हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। जब हमें लगता है कि हम असुरक्षित हैं तो हम भैय्या को याद कर लेते हैं और सुरक्षित हो जाते हैं। यूपी में हुए उपद्रव को लेकर उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। सबको जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जिन्हाेंने कानून को हाथ में लिया है। उन्हें हाथों-हाथ जेलर को सौंप देना चाहिए।