Eksandesh Desk
मोतिहारी: महिला एवं बाल विकास निगम समाज कल्याण विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में महिला हिंसा उन्मूलन पखवाड़ा अंतर्गत पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) से संबंधित अनुमंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन चकिया अनुमंडल सभागार में अनुमंडल पदाधिकारी शिवानी शुभम की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का संचालन महिला एवं बाल विकास निगम के जिला मिशन समन्वयक निधि कुमारी और जिला परियोजना प्रबंधक वीरेंद्र राम ने किया। इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी शिवानी शुभम ने कहा कि बिहार में लिंग अनुपात में लड़कियों की घटती संख्या काफी चिंता की बात है।
उन्होंने गर्भवती महिला का लिंग परीक्षण नहीं करने के लिए जागरूकता की बात कही। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की जांच नियमित नही होती है या बच्चों का वजन कम होता है तो इसके लिए सेविका सीधे जवाबदेह होगी। इसलिए सेविकाओं को आदेश दिया जाता है कि महादलित बस्ती सहित अन्य पिछड़े वर्गों के बस्ती में कुपोषित बच्चों की जांच और गर्भवती महिलाओं का नियमित जांच पर ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का 9 माह के अंदर कम से कम तीन प्रसव पूर्व जांच एवं तीन अल्ट्रासाउंड कराना आवश्यक है इसके साथ ही जन प्रतिनिधियों को बताया गया कि आप सभी लोगों को बताए कि अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है। ताकि बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी अद्यतन हो सके। किसी तरह की कोई गड़बड़ी अगर होती है तो उसका समाधान सरकारी अस्पताल के स्तर पर कराया जा सके। उन्होंने मुखिया जी को भी कहा कि सरकार के द्वारा जो जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं या जो सुविधाएं दी जा रही है, लोगों को इसकी भी जानकारी होनी चाहिए। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा सरकार के इन जन कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ उठा सके। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि प्रसव पूर्व जांच पर ध्यान देना है संस्थागत प्रसव कराने के लिए जागरूकता करना है। सेविकाएं अपनी सेंटर पर ड्रेस कोड का पालन करेगी। लेडिज सुपरवाइजर इन बिंदुओं पर अपना रिपोर्ट अध्ययन करेगी और निरीक्षण के क्रम में स्थल जांच जरूर अपडेट करेगी।
अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि जेंडर हिंसा पर रोक एवं एक बेहतर समाज के निर्माण में अपनी सभी पदाधिकारी व कर्मी भूमिका निभाएं । साथ ही लड़कियों के जन्म से लेकर पूरे जीवन में कोई भेदभाव नहीं हो इस पर भी समाज के सभी लोगों को जागरुक होने की आवश्यकता है । इस अवसर पर चकिया रेफरल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर चंदन कुमार ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड सरकारी अस्पताल में ही कराए। किसी भी झोलाछाप डॉक्टर या अन्य बिचौलियों के चक्कर में नहीं रहे। उस से इनका जीवन खराब हो सकता है। गर्भ में लड़का लड़की की जांच करना यह बिल्कुल कानूनी अपराध है इस पर रोक लगाने की जरूरत है।इस कार्यशाला में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कल्याणपुर ,केसरिया रघुवंश प्रसाद, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चकिया ,मेहसी कुमारी श्वेता , उड़ान परियोजना के जिला समन्वयक हामिद रज़ा, लेखा सहायक,शैलेश कुमार, चकिया अनुमंडल की सभी महिला पर्यवेक्षिका,बांस घाट मुखिया सुमन कुमार, मनी छपरा मुखिया गुड्डू सिंह, कटहा मुखिया मुश्ताक आलम सहित सेविका उषा देवी, शमीमा खातून,अनीता देवी,मीना कुमारी,अनुपमा कुमारी आदि उपस्थित थे।