Eksandeshlive Desk
गिरिडीह : गिरिडीह के पर्यटन स्थल खंडोली में साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। हाल में बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने से झील का माहौल गुलजार है। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए ये पक्षी आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं। खंडोली में साइबेरियन पक्षियों का आगमन हर साल अक्टूबर-नवंबर में होता है, जब ये पक्षी अपने प्रवास के दौरान भारत आते हैं। यहां का माहौल साइबेरियन पक्षियों के कारण बहुत ही आकर्षक और रोमांचक हो गया है।
दिसंबर से फरवरी तक परिंदों की गूंजती हैं किलकारियां
प्रवासी मेहमानों के आने से खंडोली का आकर्षण और बढ़ जाता है। हजारों मील की दूरी तय कर आने वाले मेहमान परिंदों से खंडोली जलाशय प्रवासी पक्षियों से गुलजार रहता है। ठंड के पूरे मौसम ये प्रवासी पक्षी यहां अपना आशियाना बनाते हैं और जलाशय में अटखेलियां करते रहते हैं। विदेशी मेहमान परिंदों की अटखेलियां भी पर्यटकों को खूब लुभाती है, जो अत्यधिक ठंड पड़ने वाले साइबेरियन देशों से हजारों मील का सफर तय कर भारत के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचते हैं। शरद ऋतु के निकल जाने बाद ये मेहमान परिंदे वापस अपने वतन को लौट जाते है। दिसंबर से फरवरी माह तक इन परिंदों की किलकारियां खंडोली जलाशय में गूंजती है।
सैलानियों में परिंदों के साथ सेल्फी लेने की रहती है होड़
जानकारों के मुताबिक गिरिडीह के खंडोली में साइबेरियन पक्षियों के आगमन के दौरान विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देखा जा सकता है। इनमें से साइबेरियन क्रेन, डक, साइबेरियन गूज और साइबेरियन स्वान प्रमुख प्रजातियां हैं। एक ओर जहां खंडोली का प्राकृतिक सौंदर्य साइबेरियन पक्षियों के आगमन के दौरान और भी अधिक आकर्षक हो जाता है। दूसरी ओर यहां के हरे-भरे जंगल, झीलें और पहाड़ियां पक्षियों के लिए एक आदर्श प्रवास प्रदान करती है। अक्सर यह देखा गया है कि अक्टूबर – नवंबर माह में हर साल साइबेरियन आते हैं और फरवरी के अंतिम सप्ताह तक प्रवास करते हैं। यहां तीन महीने पर्यटकों का भी पीक आवर रहता है। इस दौरान खंडोली जलाशय मै नौका बिहार करते सैलानियों में परिंदों के साथ सेल्फी लेने की होड़ रहती है।