कोयला मंत्री ने कांके में 200 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी
sunil Verma
रांची : केंद्रीय कोयला जी. किशन रेड्डी ने कांके कदमा स्थित 200 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला शुक्रवार को रखी। मंत्री ने कहा कि झारखंड और पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए यह अस्पताल एक मील का पत्थर साबित होगा। केंद्र सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए लगातार प्रयासरत है। यह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोयला क्षेत्र के विकास और क्षेत्रीय सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होने कहा कि इस सपटल के पूर्ण हो जाने पर इसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों करने का प्रयास करेंगे। मंत्री ने हॉस्पिटल की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे क्षेत्र के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यह अस्पताल कार्डियोलॉजी, पल्मोनोलॉजी और न्यूरोलॉजी जैसी अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं से युक्त होगा। इस परियोजना का उद्देश्य झारखंड और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर रांची के माननीय सांसद एवं रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, कांके विधायक सुरेश कुमार बैठा, छात्र के पूर्व सांसद सुनील सिंह ,कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त, अतिरिक्त सचिव कोयला विस्मिता तेज, कोयला मंत्री के निजी सचिव बक्की कार्तिकेयन, अतिरिक्त निजी सचिव ए. वेंकटेश्वर रेड्डी, कोल इंडिया के चेयरमैन पी.एम. प्रसाद, सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार, सीसीएल के निदेशक पवन कुमार मिश्रा, निदेशक हर्ष नाथ मिश्र, निदेशक हरीश दूहन, मुख्य सतर्कता अधिकारी पंकज कुमार और श्रमिक संघ के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
हॉस्पिटल की मुख्य विशेषताएं:
क्षमता: 200 बिस्तर
परियोजना लागत: 300 करोड़ (निर्माण, उपकरण और फर्निशिंग)। परियोजना अवधि: निर्माण कार्य जून 2025 से प्रारंभ होकर दो वर्षों में पूरा होगा।संचालन और प्रबंधन: डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर वैद्यकीय प्रतिष्ठान , एक गैर-लाभकारी संगठन। परियोजना समर्थन अवधि: 6 वर्षों तक उउछ द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। भूमि का क्षेत्रफल: 5.5 एकड़, जो झारखंड सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
