व्हाइट हाउस ने संघीय अनुदान और ऋण वितरण पर रोक लगाई, इधर; नेपाल ने अमेरिका से आर्थिक मदद न रोकने का किया आग्रह

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Eksandeshlive Desk

वाशिंगटन/काठमांडू : व्हाइट हाउस बजट कार्यालय ने सभी संघीय अनुदान और ऋणों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के कार्यवाहक निदेशक मैथ्यू वैथ ने कहा, ”संघीय एजेंसियों को सभी संघीय वित्तीय सहायता के दायित्व या वितरण से संबंधित सभी गतिविधियों को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया गया है।” सीएनएन की खबर के अनुसार, सोमवार को भेजे गए एक आंतरिक ज्ञापन में व्हाइट हाउस बजट कार्यालय ने सभी संघीय अनुदान और ऋण पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह आदेश शाम 5 बजे से प्रभावी होगी। इसका मंगलवार को खरबों डॉलर पर असर पड़ सकता है। यह ट्रंप प्रशासन का संघीय वित्त पोषण पर नियंत्रण स्थापित करने के नवीनतम कदम है। यह आदेश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले सप्ताह के कार्यकारी आदेशों के अनुरूप है।

इधर, अमेरिका की सभी तरह की आर्थिक मदद रोकने की औपचारिक घोषणा ने नेपाल की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल की सबसे बड़ी चिंता मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन (एमसीसी) के तहत मिल रहे आर्थिक सहयोग को लेकर है। नेपाल सरकार ने आधिकारिक रूप से पत्र लिख कर एमसीसी के तहत जारी 55 करोड़ अमेरिकी डॉलर का सहयोग नहीं रोकने के लिए आग्रह किया गया है। यह पत्र सोमवार को नेपाल के वित्त मंत्रालय ने अमेरिकी राजदूतावास के माध्यम से एमसीसी मुख्यालय भेजा गया है। नेपाल के उप प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री विष्णु पौडेल का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अमेरिकी प्रशासन एमसीसी के सहयोग को नहीं रोकेगा। एमसीसी के तहत नेपाल में जो अंतर्देशीय प्रसारण लाइन का काम हो रहा है उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पौडेल ने बताया कि उनके पास अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए बने यूएसएआईडी के तरफ से प्राप्त पत्र में आर्थिक सहयोग को तीन महीने के लिए रोकने की जानकारी दी गई है। पत्र में कहीं भी एमसीसी के तहत चल रहे परियोजना का जिक्र नहीं है। उन्होंने बताया कि एमसीसी एक अलग निकाय है। अमेरिकी कांग्रेस ने गरीब देशों में आर्थिक सहयोग के लिए इसे स्थापित किया है। नेपाल को आशंका है कि यूएसएआईडी की तरह एमसीसी की तरफ से ङी पत्र आ सकता है। इसलिए नेपाल ने पहले ही एमसीसी मुख्यालय को पत्र भेज दिया है। वित्तमंत्री ने यह माना कि यूएसएआईडी के तरफ से आर्थिक सहयोग के रोकने से नेपाल के स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र सहित कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजना पर इसका असर पड़ सकता है। नेपाल सरकार वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।