Eksandeshlive Desk
पलामू : अखिल भारतीय किसान महासभा झारखंड राज्य परिषद की बैठक शनिवार को सर्किट हाउस में हुई। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार के काराकाट से भाकपा माले के सांसद राजा राम सिंह शामिल हुए। बैठक में कृषि, किसान, सिंचाई, पर्यावरण सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद ने कहा कि झारखंड में वनाधिकार कानून 2006 पूरी सख्ती के साथ लागू होना चाहिए। जल, जंगल, जमीन, किसानों और आदिवासियाें के हाथ में रहेगा, तब ही पर्यावरण एवं कृषि सुरक्षित रहेगी। झारखंड सरकार को कृषि और पर्यावरण पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए किसानों को सिंचाई के लिए पानी पाइपलाईन से भी दिया जा सकता है।
सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘न्यू पॉलिसी फ्रेम वर्क ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग’ (एनपीएफएएम) स्कीम पूर्व के तीन कृषि कानून की तरह है। यह पूरी तरह से किसान और कृषि के विरोध में है और सारे प्रावधान तीन कृषि कानून की तरह ही हैं। केंद्र सरकार षडयंत्र करके एनपीएफएएम के माध्यम से एग्रीकल्चर मार्केटिंग में निजी कंपनियों को घुसाने की साजिश कर रही है। खेती को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बदलने की साजिश की जा रही है। इस स्कीम के तहत कंपनी जो कहेगी, किसानाें काे वही करना हाेगा। तीन कृषि कानून की तरह इसका भी विरोध किया जायेगा और किसी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जायेगा। राजा राम ने कहा कि झारखंड के बांध से अगर बिहार को फायदा होता है तो वहां की सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि विस्थापित लोगों के लिए काम करे। बिजली पैदा होने पर आपूर्ति करके झारखंड को दे। मौके पर किसान महासभा एवं भाकपा माले से जुड़े कई नेता बीएन सिंह, दिव्या भगत एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।