Mustafa Ansari
रांची: कांके प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवरी स्थित संत मदर टेरेसा स्कूल नेवरी विकास के प्रांगण में आदिवासी रीति रिवाज से धूमधाम के साथ सरहुल पूर्व संध्या सरहुल महोत्सव मनाया गया। इस दौरान बच्चों को सरहुल पर्व मनाने के पीछे के कारणों को विस्तार से बताया गया। बच्चों ने आदिवासी नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। विधालय के प्राचार्य रामेश्वर ठाकुर ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि सरहुल पर्व आदिवासियों का मुख्य पर्व है जिसमें प्रकृति की पूजा की जाती है। यह पर्व एकता एवं शांति का पर्व है।
उन्होंने कहा कि पर्व के दिन लोग सरना स्थल पर जाकर शाल वृक्ष की पूजा करते हैं। विधालय की सचिव सरिता देवी ने भी बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्ष की पूजा करने के पीछे यह उद्देश्य है कि पेड़ है तों हमारा जीवन है। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ आदिवासी ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोगों को लाभ मिलता है। निदेशिका विजय लक्ष्मी ने कहा कि प्रकृति से संबंधित पर्व के कारण ही आज हम और हमारी प्रकृति बची हुई है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ का ही दुष्परिणाम है कि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा पूरी दुनिया में बढ़ गई है। ऐसी विकट परिस्थिति में सरहुल पर्व पूरी दुनिया के लोगों को एक नया जीवन दे सकता है। मौके पर सभी शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।