Ashutosh Jha
काठमांडू : बीरगंज में हाल ही में दो समुदायों के बीच हुई झड़प को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार प्रतिष्ठान (HURFON) ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। चैत्र ३० गते बीरगंज में आयोजित हनुमान जनोत्सव शोभायात्रा के दौरान उत्पन्न विवाद तथा उसके बाद वैशाख २ गते हुए तनाव में पत्रकार, सुरक्षाकर्मी, स्थानीय निवासी और प्रदर्शनकारी घायल हुए विषय में प्रतिष्ठान ने चिंता जताई है। जारी विज्ञप्ति में पत्रकारों को लक्षित कर किए गए हमले को दुखद बताया गया है और सभी पक्षों से शांति, संयम और सहिष्णुता के मार्ग को अपनाने का आग्रह किया गया है। “समस्याओं का समाधान वार्ता के माध्यम से होना चाहिए,” विज्ञप्ति में कहा गया है, “शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी समुदायों, नागरिकों और राज्य को जिम्मेदार बनना होगा।”
इसके साथ ही प्रतिष्ठान ने नेपाल शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है। शिक्षा अधिनियम जारी न करने के विरोध में शिक्षकों और कर्मचारियों ने चैत्र २५ गते से काठमांडू केंद्रित आंदोलन की घोषणा की है। प्रतिष्ठान ने आंदोलन के चलते पठन-पाठन प्रक्रिया बाधित होने और बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहे प्रभाव को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। “विद्यालयों में तालाबंदी कर शिक्षण कार्य को बाधित करना समाधान नहीं है,” विज्ञप्ति में कहा गया है, “सरकार और आंदोलनरत पक्षों को वार्ता के माध्यम से समाधान निकालना चाहिए।” अध्यक्ष भवानी प्रसाद खतिवड़ा और महासचिव घनश्याम तामांग द्वारा हस्ताक्षरित विज्ञप्ति में मानव अधिकार, शिक्षा की पहुंच और सामाजिक शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दोनों पक्षों से संयमित और जिम्मेदार व्यवहार करने की अपील की गई है।