Eksandesh Desk
दुमका: वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ दुमका के सरजमीन पर आज मुसलमानों ने जोरदार प्रदर्शन किया।चिलचिलाती धूप में दुमका जिले के कोने-कोने से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आउटडोर स्टेडियम दुमका पहुंचकर और फिर वहां से जुलूस की शक्ल में डीसी मोड़, बस स्टैंड, नगर थाना, कचहरी होते हुए प्रस्तावित धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान लोगों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थी जिस पर वक्फ संशोधन बिल के विरुद्ध नारे एवं वक्फ संशोधन बिल को वापस लेने की मांगें लिखी हुई थी। यही नहीं रैली में शामिल लोगों ने मांगों की तख्तियों के अलावे तिरंगा भी थाम रखा था और तिरंगा लहरा कर अपने वतनपरस्त होने का सबूत दे रहे थे।
धरना स्थल पर हजारों हजार की भीड़ शांतिपूर्वक वक्ताओं को सुन रही थी। मौके पर मौजूद मुस्लिम विद्वानों ने वक्फ संशोधन बिल पर केंद्र की भाजपा सरकार को घेरते हुए उन्हें जमकर कोसा और केंद्रीय सत्ता पर मुसलमानों के आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला प्रवक्ता एवं मुस्लिम नेता अब्दुल सलाम अंसारी ने मजमा को संबोधित करते हुए कहा कि वक्फ बिल 1956 से लेकर अब तक मुसलमानों के हक एवं हुकुक के पक्ष में रहा परंतु केंद्र की भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद ही भाजपा लगातार मुसलमानों को प्रताड़ित करने के उपाय खोजते रहती है और धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर मुसलमानों के आस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए वोट बैंक की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि जब संविधान के अनुसार हर धर्म के लोग अपने मजहब के अनुसार मजहबी संस्थाओं का निर्माण कर सकती है तो फिर मुसलमानों पर ही आरी क्यों चलाई जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों का निर्धारण जानबूझकर मजहबों के बीच में वैमष्य फैलाने के उद्देश्य से रखा गया है क्योंकि यदि बोर्ड में इतर मजहब के लोग रहेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें इस्लाम की कम जानकारी होने के कारण ऐसा निर्णय आएगा जो की दुर्भाग्य का कारण बनेगा। उन्होंने कहा कि वक्फ हमारे पूर्वजों के द्वारा दान की गई एवं स्थापित की गई वह संपत्ति है जिस पर हमारे कब्रिस्तान, मस्जिद, मदरसे, ईदगाह आदि समाहित हैं और इस्लाम को मानने वाले उसका उपयोग एवं उपभोग करते हैं। वर्तमान कानून पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब नए संशोधन बिल के अनुसार इन सब का मालिक जिला कलेक्टर को बना दिया गया है और यदि कोई भी व्यक्ति किसी मस्जिद या वक्फ की किसी संस्था पर एक आवेदन भर दे दे तो उसका परिणाम यह होगा कि उस पर ताले लग जाएंगे और निर्णय आने में सालों साल लगाया जाएगा। तब तक हम ना तो उस मस्जिद या कब्रिस्तान का उपयोग कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि भाजपा की सरकार सिर्फ और सिर्फ फूट डालो और शासन करो की नीति पर चल रही है और हर मोड़ पर मुसलमानों को नीचा दिखाने का काम कर रही है।
वहीं दुमका के सांसद नलिन सोरेन ने मजलिस में शामिल होते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हमेशा गरीबों और मजलूमों के साथ खड़ी है और भाजपा के केंद्र सरकार जो अन्याय पूर्ण कानून को लागू करने जा रही है उसका यूपीए गठबंधन के सदस्य पुरजोर विरोध करते रहे हैं सदन के अंदर भी और सदन के बाहर भी। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि उनका समर्थन हमेशा आपके पक्ष में और संविधान के द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्राप्त करने के लिए आपके साथ रहेगा।