Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : इस्लामिक गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री डॉ. अब्बास अराघची ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद एकजुटता और करुणा के संदेश के लिए ईरान को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
भारत और ईरान के बीच संबंध हजारों साल पुराने : राष्ट्रपति भवन के अनुसार, राष्ट्रपति भवन में डॉ. अराघची का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के विशेष अवसर पर हो रही है। भारत और ईरान के बीच संबंध हजारों साल पुराने हैं। कला और संस्कृति के हर पहलू में, चाहे वह भाषा और साहित्य हो या संगीत और भोजन, हम एक-दूसरे की विरासत की झलक देख सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंध नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की मजबूत नींव पर बने हैं। इन 75 वर्षों में भारत और ईरान के बीच संबंध विविध क्षेत्रों में बढ़े हैं चाहे वह सांस्कृतिक सहयोग हो, व्यापार और ऊर्जा साझेदारी हो या क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर रणनीतिक समन्वय हो। दोनों देशों ने न केवल दीर्घकालिक मित्रता बनाए रखी है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम भी किया है। उन्होंने चाबहार बंदरगाह की पूरी क्षमता का उपयोग करने में दोनों पक्षों के बीच चल रहे सहयोग का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद एकजुटता और करुणा के संदेश के लिए ईरान को धन्यवाद भी दिया। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
जयशंकर ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर किया जिक्र : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को नई दिल्ली में 20वीं भारत-ईरान संयुक्त आयोग बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में ईरान के विदेश मंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि महामहिम, आप ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब हम 22 अप्रैल को भारतीय संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हुए एक विशेष रूप से बर्बर आतंकवादी हमले का जवाब दे रहे हैं। इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया। हमारी प्रतिक्रिया लक्षित और मिशनबद्ध थी। हमारा इरादा स्थिति को और बिगाड़ने का नहीं है। हालांकि, अगर हम पर सैन्य हमला होता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसका बहुत ही सख्त जवाब दिया जाएगा।”