Eksandesh Desk
हजारीबाग: जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बेलतू गांव में दो समुदायों के बीच झंडा लगाने को लेकर उपजे विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। इसी सिलसिले में रविवार को हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल और बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी बेलतू का दौरा करने निकले थे, लेकिन सिकरी थाना पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोकते हुए थाने में डिटेन दिया। प्रशासन की ओर से बताया गया कि बेलतू गांव में वर्तमान हालात को देखते हुए धारा 163 लागू की गई है, जिसके तहत किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या सभा पर रोक है और इसी आधार पर जनप्रतिनिधियों को भी मौके पर जाने से रोका गया है। इस दौरान सांसद और विधायक को करीब साढ़े तीन घंटे तक थाने में डिटेन कर रखा गया। सांसद मनीष जायसवाल ने डिटेन के दौरान जिला प्रशासन से अपील किया की मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए। उन्होंने आग्रह किया कि किसी भी व्यक्ति की दुकान या मकान पर प्रशासनिक कार्रवाई न हो और फिलहाल जो विवादित झंडा गांव में लगाया गया है, उसे अविलंब हटाया जाए, ताकि क्षेत्र में तनाव न फैले और शांति बनी रहे।
उन्होंने कहा, “हम जनप्रतिनिधि होने के नाते इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। लोगों में दो दिनों से तनाव है, इसलिए हम मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेना चाहते थे। लेकिन प्रशासन ने हमें रोक दिया। इस दौरान सांसद के साथ हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि सत्येंद्र नारायण सिंह, बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र की सांसद प्रतिनिधि पूनम साहू, मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी और विधायक के पीए अनूप सिंह भी मौजूद थे। इस पूरे घटनाक्रम के बाद स्थानीय राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या जनप्रतिनिधियों को भी शांति बहाली के प्रयासों से रोका जाना उचित है। फिलहाल बेलतू गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन की टीम लगातार मौके पर मौजूद है जबकि अब तक विवाद का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है – शांति व्यवस्था बनाए रखना और दोनों पक्षों को संतुष्ट करना।