Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड के उपयोग को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव अलका तिवारी को गुरुवार को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर झारखंड में भी सीएसआर फंड के नियंत्रण का अधिकार राज्य सरकार का होना चाहिए। पत्र में मंत्री ने उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री की अनुमति के बिना सीएसआर फंड की एक पैसा भी खर्च नहीं किया जाता है। इससे पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्था झारखंड में भी लागू की जानी चाहिए ताकि फंड का वास्तविक उपयोग धरातल पर हो सके।
वित्त मंत्री ने सीएसआर फंड के कथित दुरुपयोग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बैंक और कॉर्पोरेट संस्थाएं सीएसआर मद से महंगे उपकरणों सीलिंग फैन, एसी, एलईडी स्क्रीन पुलिस लाइन और समाहरणालयों में लगवा रहे हैं, जो सीएसआर के मूल उद्देश्य से भटकाव है। उन्होंने कहा कि फंड का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, पोषण, गरीबी उन्मूलन और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना है, लेकिन कई बार यह सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाता है।मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कई संस्थाएं कागजों में ही सीएसआर खर्च दिखाकर इसका दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार यदि इस पर नियंत्रण रखे, तो सीएसआर फंड का समुचित और उद्देश्यपूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में मंत्री ने सुझाव दिया है कि सीएसआर फंड की स्वीकृति और निगरानी की प्रक्रिया को केंद्रीकृत करते हुए इसे मुख्यमंत्री कार्यालय या संबंधित राज्य प्राधिकरण के नियंत्रण में लाया जाए।