पांच दिवसीय श्री कृष्ण बीतक कथा के तीसरे दिन गुरु-शिष्य का आध्यात्म संगम

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Eksandeshlive Desk

रांची : श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के तत्वाधान में संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के सानिध्य में श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर पुंदाग रांची में आयोजित पांच दिवसीय संगीतमय श्री कृष्ण बीतक कथा के तीसरे दिन का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध कथा वाचिका विदुषी साध्वी मीणा महाराज एवं विदुषी पूर्णा महाराज ने भक्तों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। तीसरे दिन की कथा मे विदुषी साध्वी मीणा महाराज ने कही की देवचन्द्र महाराज को श्री कृष्ण जी दर्शन देकर कहा था कि “देवचन्द्र जी सब देवन के देव और सम्पूर्ण इष्टों के इष्ट हैं।” यह सुनकर स्वामी हरिदास जी देवचन्द्र जी के पैरों पर गिर पड़े और स्वामी जी के मन में देवचन्द्र जी के प्रति पूज्य भाव जाग्रत हुआ।उनका राधिका जी के प्रति अटूट वात्सल्य प्रेम था।

उन्होंने कहा कि सौभाग्यवश इस ब्रह्माण्ड में भी आप गुरु हुए और शिक्षा-दीक्षा से देवचन्द्र जी को सन्तुष्ट किया। इसी पुण्य प्रताप के कारण बालमुकुन्द जी ने आपको साक्षात् दर्शन देकर कहा- तू सेवक याको जाने, जो तू याको नाहिं पहचानें। तू लाग चरण जा वाकें, तू हो सेवक जाये ताके।विश्व के धार्मिक इतिहास में ऐसे प्रकरण कम ही मिलते हैं जब गुरु शिष्य के प्रति पूज्य भाव रखने लगे। स्वामी हरिदास जी का यह पूज्य भाव का उदाहरण अद्भुत एवं अपूर्व था। सचमुच स्वामी देवचन्द्र की निजानन्द पद्धति आज भी प्रणामी सम्प्रदाय के अनुयायियों की प्रेरणा स्रोत है, जिनके महान उपदेशों एवं प्रवचनों से सोयी हुई आत्मायें जागृत हो जाती हैं, जिनकी दिव्य दृष्टि से जन्म जन्मान्तर के कल्मश समाप्त हो जाते हैं, इसके उपरांत विदुषी साध्वी पूर्णा महाराज ने श्रीकृष्ण के ब्रज दर्शन के दिव्य प्रसंग को अत्यंत मार्मिक एवं भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया। श्रवण कक्ष में उपस्थित भक्तगण कथा की प्रत्येक पंक्ति के साथ आत्म विभोर हो उठे। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे, राधा कृष्ण के सुमधुर भजनों एवं सत्संग से मंदिर परिसर भक्तिमय जयकारो से गूंज उठा। कथा के अंत में सामूहिक आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया। ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि कार्यक्रम के चौथे दिन की बीतक कथा में आध्यात्मिक प्रसंगों की प्रस्तुति की जाएगी। तथा पांचवें दिन गुरुवार को अंतिम कथा सुबह 11 बजे से अपराह्न 1 बजे तक होगा। पश्चात कथा का समापन होगा। उन्होंने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से सहभागी होने की अपील की है। इस अवसर पर-डूंगरमल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, मनोज चौधरी, पूरणमल सर्राफ, संजय सर्राफ, मधु जाजोदिया, मनीष जालान, पवन पोद्दार, विशाल जालान, पुजारी अरविंद पांडे, विद्या देवी अग्रवाल, विमला जालान, शोभा जालान, सरिता अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, उर्मिला पाड़िया, निकिता जालान, उमा नारसरिया, अनीता जालान, सुलोचना देवी चौधरी, रेखा पोद्दार, शारदा पोद्दार, सरोज पोद्दार, शीला मुरारका, के अलावे बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे।