Eksandeshlive Desk
टोक्यो : जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और देश के प्रमुख विपक्षी नेता अमेरिकी टैरिफ समझौते पर असहमत नजर आए। प्रधानमंत्री इशिबा ने कहा कि उन्होंने जापान-अमेरिका टैरिफ समझौता वार्ता में औपचारिक समझौते को लिखित रूप में स्वीकार करने पर जोर नहीं दिया। इशिबा ने साफ किया कि ऐसा करने से टैरिफ की दर में कमी कराने में देरी होती। द असाही शिंबुन अखबार की खबर के अनुसार इशिबा ने चार अगस्त को निचले सदन में बजट समिति के एक विशेष सत्र के दौरान अमेरिका के साथ औपचारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करने के लिए यह स्पष्टीकरण दिया। इशिबा ने कहा कि अमेरिका के साथ 15 प्रतिशत की आपसी टैरिफ दर हालांकि उपलब्धि है। इससे पहले सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने निचले और ऊपरी सदन में सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत खोने के बाद पहली बार व्यापक बहस की।
विपक्षी दलों ने अमेरिका के प्रति सरकार के रुख पर बार-बार चिंता व्यक्त की कि जापान और अमेरिका की सरकारों ने अभी तक कोई औपचारिक टैरिफ दस्तावेज नहीं तैयार किया है। मुख्य विपक्षी पार्टी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता योशिहिको नोडा ने जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों की ओर से दिए गए स्पष्टीकरणों में असमानता के कारण अमेरिका की ओर से और अधिक मांग की संभावना की ओर इशारा किया। जवाब में इशिबा ने दोहराया कि समझौते पर पहुंचने से अधिक मुश्किल इसे लागू करना है। प्रधानमंत्री ने तर्क दिया कि औपचारिक दस्तावेज बनाने के बजाय टैरिफ में कटौती को प्राथमिकता देना उन्होंने उचित समझा। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल के नेता युइचिरो तामाकी ने प्रस्ताव रखा कि इशिबा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलें, क्योंकि ऑटोमोबाइल टैरिफ को 15 प्रतिशत तक कम करने का समय अभी स्पष्ट नहीं है। जवाब में इशिबा ने सिर्फ इतना कहा, “हमें बिना किसी हिचकिचाहट के आगे बढ़ना चाहिए।”