Eksandeshlive Desk
रांची/पश्चिम सिंहभूम : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन को उनके रांची के लालपुर स्थित आवास में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। यह कार्रवाई नगर पुलिस उपाधीक्षक (सिटी डीएसपी) के जरिये किया गया है।दरअसल, चंपाई सोरेन प्रस्तावित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान-2 (रिम्स-2) की जमीन के विवाद को लेकर रविवार को नगड़ी में हल चलाने वाले थे, जहां हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन के लिए आने वाले हैं। लेकिन वे प्रदर्शन स्थल पर पहुंचते उसके पहले ही उन्हें उनके निवास से बाहर जाने से रोक दिया गया है।
चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जानकारी साझा की : चंपाई सोरेन ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर साझा की है। उन्होंने लिखा “नगड़ी के आदिवासी/ मूलवासी किसानों की आवाज उठाने से रोकने के लिए झारखंड सरकार ने आज सुबह से मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया है।” झारखंड के भाजपा नेता आज ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ कार्यक्रम के तहत नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 की भूमि पर हल चलाकर विरोध जताने का कार्यक्रम था। इसलिए भाजपा के कई अन्य बड़े नेताओं को भी रिम्स-2 की जमीन के पास जाने से रोका जा रहा है। प्रशासन पूरी तैयारी में दिख रहा है। नगड़ी और उसके आस-पास के इलाकों में पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है, ताकि कोई माहौल बिगाड़ने की कोशिश करे, तो उसपर तत्काल कार्रवाई की जा सके। इसकी पुष्टि सिटी डीएसपी केवी रमण ने भी की है। उल्लेखनीय है कि नगड़ी और आसपास के गांवों में रिम्स-2 के लिए चिह्नित जमीन पर खेती करने से रैयतों को रोके जाने और कांटेदार तारों से घेराबंदी किए जाने से ग्रामीणों में रोष है। ‘नगड़ी जमीन बचाओ संघर्ष समिति’ के आह्वान पर ग्रामीण कई दिनों से आंदोलन की तैयारी में हैं। समिति ने आसपास के गांवों के किसानों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत पहले जमीन का अधिग्रहण किया गया था। लेकिन जब यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, तो इस जमीन पर स्वाभाविक दावा रैयतों का है।
जननेता चंपाई को इस तरह रोकना लोकतंत्र का अपमान : रांची के नगड़ी इलाके में रिम्स-2 परियोजना को लेकर प्रस्तावित आंदोलन से पहले रविवार सुबह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पुलिस द्वारा उनके आवास पर नजरबंद किए जाने की कार्रवाई को लेकर पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) निवासी भाजपा नेता और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “तुगलकी फरमान” बताते हुए कहा कि एक जननेता को इस तरह रोकना लोकतंत्र का अपमान है। गागराई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन को जबरन अधिग्रहित कर रही है और अस्पताल निर्माण के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार केवल शिलान्यास करती है, लेकिन धरातल पर काम नहीं दिखता। उन्होंने कहा 40 से अधिक खदानें बंद हैं, युवा बेरोजगार हैं, पर सरकार की प्राथमिकता कुछ और है। फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जबकि नगड़ी और रांची में तनाव की स्थिति बनी हुई है।