Eksandeshlive Desk
अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के हांसलपुर में मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च की और बैटरी प्लांट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह ‘मेक इन इंडिया’ और भारत-जापान मित्रता का नया अध्याय है, जिसके तहत भारत से बने इलेक्ट्रिक वाहन 100 देशों में निर्यात होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज भारत की ‘मेक इन इंडिया’ यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ “मेक फॉर द वर्ल्ड” के लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम है। आज से भारत में बने इलेक्ट्रिक व्हीकल 100 देशों में एक्सपोर्ट किए जाएंगे और आज ही हाइब्रिड बैटरी का उत्पादन शुरू होगा। आज का दिन भारत और जापान की मित्रता को भी नए स्तर पर ले जाएगा। देशवासियों, जापान और सुज़ुकी कंपनी को बधाई देता हूं। आज मारुति टीनएज में प्रवेश कर रही है। जिस प्रकार टीनएज सपनों को पंख देने का समय होता है, उसी प्रकार गुजरात और मारुति का टीनएज में प्रवेश आने वाले दिनों में नई ऊंचाइयों की ओर ले जाएगा। मुझे विश्वास है कि मारुति नई उमंग और उत्साह के साथ आगे बढ़ेगी। भारत की सक्सेस स्टोरी के बीज लगभग 13 वर्ष पहले बोए गए थे। 2012 में जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने मारुति सुज़ुकी को हांसलपुर में भूमि आवंटित की थी। उस समय भी आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का विज़न था। उस समय के प्रयास आज देश के संकल्प को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है और जनसांख्यिकी का लाभ भी : पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत के पास लोकतंत्र की शक्ति है और जनसांख्यिकी का लाभ भी है। हमारे पास स्किल्ड वर्कर्स का बड़ा वर्ग है, जिसकी वजह से हम अपने हर साझेदार के लिए सह-लाभकारी स्थिति का निर्माण कर सकते हैं। सुज़ुकी जापान भारत में उत्पादन कर रही है और वाहन वापस जापान को एक्सपोर्ट किए जाएंगे। यह भारत-जापान के संबंधों की मजबूती को दर्शाता है और भारत के प्रति ग्लोबल कंपनियों के विश्वास को भी प्रकट करता है। मारुति सुज़ुकी जैसी कंपनियां मेक इन इंडिया की ब्रांड एंबेसडर बन गई हैं। लगातार 4 वर्षों से मारुति भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर है। दुनिया के देशों में चलने वाली मारुति की कारों पर “मेड इन इंडिया” लिखा होगा। ईवी इकोसिस्टम का सबसे अहम हिस्सा बैटरी है। पहले भारत में बैटरी का आयात किया जाता था। ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह जरूरी था कि भारत बैटरी का उत्पादन करे। इसी विज़न के साथ 2017 में टीडीएसजी बैटरी निर्माण की नींव रखी गई थी, जिसमें तीन कंपनियाँ मिलकर भारत में बैटरी का निर्माण कर रही हैं। कुछ वर्ष पहले ईवी को केवल एक नए विकल्प के रूप में देखा जाता था, लेकिन मेरा मानना है कि ईवी कई समस्याओं का ठोस समाधान है। अपने सिंगापुर दौरे के दौरान मैंने कहा था कि पुरानी गाड़ियों और एम्बुलेंस को हाइब्रिड ईवी में बदला जा सकता है। मारुति सुज़ुकी ने इस चुनौती को स्वीकार किया और मात्र 6 महीनों में एक वर्किंग प्रोटोटाइप तैयार कर दिया। मैंने वह हाइब्रिड एम्बुलेंस का वर्किंग प्रोटोटाइप अभी देखा है। लगभग 11 हज़ार करोड़ की योजना में ई-एम्बुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित किया गया है। हाइब्रिड ईवी से प्रदूषण घटेगा और पुराने वाहनों को ट्रांसफॉर्म किया जा सकेगा। उन्होंने आगे कहा कि क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी हमारा भविष्य है। भारत तेज़ी से क्लीन एनर्जी और क्लीन मोबिलिटी का विश्वसनीय केंद्र बनेगा। मोबाइल फोन उत्पादन 2014 की तुलना में 2700% बढ़ा है। डिफेंस उत्पादन में पिछले दशक में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। आज यह सफलता भारत के हर राज्य को प्रेरित कर रही है। राज्य अगर अपनी नीतियां स्पष्ट और स्वच्छ रखे, तो निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। निवेशक विश्वास के साथ आएंगे। राज्यों में ऐसी प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए कि भारत में आने वाली कंपनी को यह सोचने पर मजबूर होना पड़े कि किस राज्य में जाए। ऐसी प्रतिस्पर्धा से देश को लाभ होगा। 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य में हर राज्य अपनी भागीदारी निभाए। जिन सेक्टरों में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें और बेहतर करना है। इसके लिए हम ‘मिशन मैन्युफैक्चरिंग’ पर जोर दे रहे हैं। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य फ्यूचरिस्टिक इंडस्ट्री पर होगा। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। देश में 6 प्लांट तैयार होने जा रहे हैं।
जापान और भारत एक-दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं : पीएम मोदी ने भारत-जापान संबंधों के बारे में कहा कि भारत और जापान का संबंध केवल कूटनीतिक संबंधों से कहीं आगे, यह सांस्कृतिक और विश्वास का संबंध है। जापान और भारत एक-दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं। मारुति सुज़ुकी के साथ जो यात्रा हमने शुरू की थी, वह अब बुलेट ट्रेन की स्पीड तक पहुँच चुकी है। भारत-जापान की पार्टनरशिप की औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने की पहल गुजरात से ही हुई है। आज हमारे स्कूल और कॉलेजों में बड़ी संख्या में जापानी भाषा सिखाई जा रही है। भारत-जापान के बीच ‘पीपल टू पीपल’ कनेक्टिविटी बढ़ रही है। स्किल और रिसोर्स से जुड़ी ज़रूरतों को हम पूरा कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि आज का यह प्रयास 2047 के विकसित भारत की नींव को नई ऊंचाई देगा। भारतीय जनता पार्टी गुजरात प्रदेश मीडिया विभाग ने जानकारी दी कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात प्रवास का दूसरा दिन है। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री ने सुज़ुकी प्लांट में शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। इस अवसर पर जापान के भारत में राजदूत एच.ई. ओनो केइची ने भी कार्यक्रम में उपस्थित लाेगाें काे संबोधित किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समेत राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक, कंपनी के अधिकारी और आमंत्रित मेहमान उपस्थित रहे।