चीफ जस्टिस भी कर चुके हैं सम्मानित
Eksandeshlive Desk
लातेहारः कुछ वर्ष पहले तक लातेहार जिले का पहचान आतंक और नक्सल हिंसा के लिये पूरे देश में चर्चित रहता था। इसी लातेहार में एक गांव है ललगड़ी , जहां के ग्रामीण अपराध से आज तक कोसों दूर रहते है। इस गांव की सबसे बड़ा खासियत यह रहा है कि यहां पर आज तक नहीं तो कोई चोरी हुआ है और ना ही डकैती हुआ है और ना ही हत्या या लूट जैसी बड़ी आपराधिक घटना घटी है। गांव के लोग इतने अमन चैन पसंद हैं कि यदि कोई मामूली सी बात पर विवाद हो भी जाता है तो इसका निपटारा गांव में ही बैठक कर के निपटारा कर लेते हैं। यहां के ग्रामीणों के इस जज्बे और ईमानदारी की तारीफ जिले के पुलिस पदाधिकारी भी करते हैं।
गांव में बसे हुये है 200 परिवार
दरअसल , ललगड़ी गांव लातेहार सदर प्रखंड के पोचरा पंचायत में स्थित है। गांव में लगभग 200 परिवार निवास करते है सभी परिवार खरवार जनजाति के हैं। जिला मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में अपराध का नामोनिशान तक नहीं है। यहां के ग्रामीण अपराध करने से कोसों दूर रहते है इस गांव के ग्रामीण खेती बाड़ी तथा अपने अन्य दूसरे काम में व्यस्त रहते हुये भी एक दूसरे का सहयोग करने के लिये हमेशा तत्पर रहते हैं।
*ललगड़ी में आज तक नहीं हुई कोई भी आपराधिक घटना*
गांव के इतिहास में आज तक किसी भी ग्रामीण के घर में ना ही तो कभी चोरी हुई और ना ही कोई लूट की घटना घटी है। हत्या तथा अन्य अपराध के बारे में तो यहां के ग्रामीण सोचते तक भी नहीं हैं। गांव में यदि कोई छोटा-मोटा विवाद हो भी जाता हो तो ग्रामीण उसे कोर्ट कचहरी और थाना पुलिस तक ले जाने के बदले गांव में ही बैठक कर के सुलझा लेते है। आपसी बैठक में मामला सुलझाने के कारण ग्रामीणों के बीच में प्रेम भाव भी बना रह जाता है।
चीफ जस्टिस भी कर चुके हैं गांव को सम्मानित
इस संबंध में गांव के ग्राम प्रधान और पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह ने बताया कि इस गांव के लोग अपराध से दूर रहते है। गांव में लड़ाई झगड़ा भी नहीं के बराबर ही होता है यदि किसी बात को लेकर विवाद हो भी जाता है तो ग्रामीण उसे आपस में मिल बैठ कर के सुलझा लिया करते है। उन्होंने बताया कि गांव की इसी खूबी के कारण वर्ष 2012 में हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश ने उन्हें सम्मानित किया था।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने मंच से कहा था कि ललगड़ी गांव से अन्य ग्रामीणों को भी सीखने लेने चाहिये वहीं रामेश्वर सिंह ने बताया कि हमारे गांव के लोग काफी भोले हैं साथ ही मिलनसार भी है वह खुद लगभग 65 साल के हो गये हैं परंतु आज तक उन्होंने कभी हत्या , लूट , डकैती , चोरी जैसी आपराधिक घटनाओं को कभी गांव में होते हुये नहीं देखा है।
बाहरी समाज में भी गांव का है अलग पहचान ग्रामीणों को मिलता है सम्मान
लातेहार के ललगड़ी गांव की पहचान बाहरी समाज में भी काफी सकारात्मक बना हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के लोग अपराध से बिल्कुल अलग रहते है। इसी के कारण से जब ग्रामीण अपने गांव से बाहर कहीं जाते हैं तो लोग ललगड़ी गांव का नाम सुनकर ही उन्हें काफी सम्मान देते हैं।
ग्रामीण सत्येंद्र सिंह , महेन्द्र सिंह , वंशीधर सिंह , आदि ने बताया कि गांव में आपराधिक घटना नहीं होता है। यहां के ग्रामीण कृषि और पशुपालन कर के अपनी आजीविका चलाते है बच्चों को अच्छी शिक्षा देना भी वे लोग चाहते हैं, परंतु गांव में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था नहीं है मजबूरी में हमें बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिये दूसरे गांव में भेजना पड़ता है।
पुलिस अधिकारी भी करते हैं गांव का तारीफ
ललगड़ी गांव की तारीफ पुलिस के अधिकारी भी करते है लातेहार थाना प्रभारी सुरेंद्र महतो ने कहा कि यह गांव अपने आप में एक अलग मिशाल पेश करता है। उन्होंने कहा कि यहां के ग्रामीण आपराधिक मामलों से कोसों दूर रहते है ग्रामीण हमेशा समाज में सकारात्मक माहौल बनाने के लिये भी तत्पर रहते है। उन्होंने कहा कि इस गांव से अन्य लोगों को भी सीख लेनी चाहिये और अपने गांव में अमन चैन स्थापित कर के आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहिये यदि अन्य लोग भी इनसे सीख लेकर अपने गांव में इसी प्रकार अमन और शांति स्थापित करने लगे तो इससे जिले के विकास में भी मदद प्राप्त होगा।