अंतिम संस्कार के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

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Eksandeshlive Desk

बड़कागांव/हजारीबाग :  जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत सिरमा पंचायत के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। आजादी के 75 साल बाद भी यहां कई ऐसे गांव हैं जहां विकास योजनाएँ धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। सिरमा, छावनिया और पंडरिया गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या नदी पर पुल का न होना है। इस कारण ग्रामीणों को आए दिन नदी पार करने में जान जोखिम उठानी पड़ती है।भारी बारिश के इन दिनों में यह परेशानी और भी विकराल हो जाती है। नदियाँ उफान पर रहती हैं और ऐसे हालात में भी ग्रामीण मजबूरी में नदी पार करने को बाध्य हैं। हाल ही में छावनिया गांव के 70 वर्षीय बुजुर्ग शेहरुद्दीन की मौत के बाद जब शव को सुपुर्द-ए-खाक करने की बारी आई, तो ग्रामीणों को नदी पार करना पड़ा। कब्रिस्तान नदी के उस पार स्थित है, और पुल न होने के कारण शव को कंधे पर उठाकर ग्रामीण नदी के तेज बहाव से गुज़रे। उस समय पानी कमर से ऊपर तक बह रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पानी का स्तर और बढ़ जाता तो कई लोगों की जान भी जा सकती थी। बावजूद इसके, अंतिम संस्कार की मजबूरी में ग्रामीणों को अपनी जान दांव पर लगानी पड़ी।ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है। हर बार बारिश के मौसम में शव दफनाने या आपात स्थिति में इलाज के लिए मरीज ले जाने के दौरान यही परेशानी आती है। लोग वर्षों से पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।ग्रामीणों का कहना है कि सरकार बड़े-बड़े विकास योजनाओं की बात करती है, लेकिन गांव के लोगों को बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं मिल पा रही हैं। “अगर पुल बन जाए तो हमारी बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन वर्षों से हम सिर्फ वादे ही सुनते आ रहे हैं।”स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द पुल का निर्माण नहीं कराया गया तो वे आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी जान जोखिम में डालकर नदी पार करने की मजबूरी को खत्म करने के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए।

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