Eksandeshlive Desk
रांची : विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को अतिवृष्टि पर विस्तृत चर्चा हुई। आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि जनता को राहत चाहिए, राजनीति नहीं। उन्होंने कहा कि इस बार मई, जून, जुलाई और अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिसके कारण पहली बार इतने पैमाने पर राज्य में नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश में अबतक 486 लोगों की मौत हुई है, जबकि कच्चे-पक्के मकानों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मंत्री ने कहा कि पहले प्राकृतिक आपदा में मुआवजा देने में दो साल तक लग जाते थे, लेकिन अब 24 घंटे के भीतर लिखित सूचना देने पर मुआवजा उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि तीन घंटे के भीतर आपदा अलर्ट एसएमएस के जरिए भेजा जा रहा है। विपक्ष की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता उनके झूठे आंसुओं की राजनीति को समझ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि रिम्स-टू की जमीन पर बाहरी लोगों ने आगजनी की और अब नकली सहानुभूति जताई जा रही है। मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए अब तक 48 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं और जैसे ही जिलों से रिपोर्ट आ रही है, वैसे ही राशि भेजी जा रही है। प्रत्येक प्रखंड को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार आपदा से राहत के लिए प्रतिबद्ध है और विपक्ष कडवी बातों से जनता को गुमराह नहीं होने दिया जाएगा।
अतिवृष्टि से राज्य में ढह गए 10 हजार मकान : राज्य में हुई अतिवृष्टि पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अतिवृष्टि से राज्य में 10 हजार कच्चे मकान ढह गए। राज्य सरकार को घोषणा करना चाहिए कि इससे प्रभावित लोगों को हर व्याक्ति को पक्का मकान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में जिन विभागों गड़बड़ी की बात कही गई है उन विभागों के संबंधित अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई करे। साथ ही उन्होंने राज्य के किसानों के लिए उचित दाम पर खाद उपलब्ध कराने की मांग की। वहीं विधायक उमाकांत रजक ने कहा कि औसत अधिक बारिश से राज्यभर में भारी तबाही हुई है। किसानों की फसलें और मवेशियों की मौत हुई है। सरकार को इसे आपदा नहीं बल्कि विकट समस्या मानकर तत्कासल राहत कार्य तेज करना चाहिए। सारठ के विधायक उदय शंकर सिंह ने कहा कि जामताड़ा और करमा टांड़ क्षेत्र में अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। उन्होंंने कहा कि इससे प्रभावित लोगों को केंद्र और राज्य सरकार दोनों से मुआवजा मिलनी चाहिए। उन्होंंने कहा कि बाजार में खाद महंगी कीमतों पर मिल रहा है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए।
राज्य में गठित हो किसान आयोग : कांग्रेस के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि राज्यवासी कभी अल्पवृष्टि, कभी अतिवृष्टि की मार झेलते हैं। आंशिक क्षति पर 3200 और मृत्यु पर चार लाख की राशि अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि विकलांगता और खलिहान में रखे अनाज के नुकसान होने पर मुआवजे की श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य में किसान आयोग के गठन की मांग की। सरयू राय ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को हुए नुकसान की भरपाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएचआई ने पानी के बहाव को रोक दिया। इससे जमशेदपुर में घर डूब गए। उन्होंने कहा कि पुल-पुलिया और सड़क निर्माण के समय पानी का प्राकृतिक रास्ता साफ रखना होगा। आपदा से सबक लेकर भविष्य की योजनाएं बनाने की उन्होंंने मांग की। संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि केंद्र की नीति में कच्चे मकान गिरने पर चार हजार और पक्का मकान गिरने पर महज 6,500 रुपए की सहायता का प्रावधान है। इतनी कम राशि से क्या होगा। केंद्र सरकार को इसमें राशि बढ़ानी चाहिए। उन्होंने सुखाड़ में सिंचित-असिंचित की शर्तें खत्म करने की मांग केंद्र सरकार से की।