Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : भारत पर थोपे गए 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ को लेकर बाजार में बनी चिंता, डॉलर इंडेक्स में आई तेजी और डॉलर की मांग में बढ़ोतरी होने का असर शुक्रवार को भारत के मुद्रा बाजार में साफ दिखा। मुद्रा बाजार में बने नकारात्मक माहौल के कारण रुपया डॉलर की तुलना में रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। भारतीय मुद्रा डॉलर की तुलना में 57 पैसे फिसल कर 88.20 (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुई। इसके पहले पिछले कारोबारी दिन गुरुवार को भारतीय मुद्रा 87.63 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई थी।
रुपये ने दिन के कारोबार की शुरुआत भी कमजोरी के साथ ही की थी। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय मुद्रा ने सुबह डॉलर के मुकाबले 7 पैसे की कमजोरी के साथ 87.70 रुपये के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। दिन का कारोबार शुरू होने के बाद रुपये पर लगातार दबाव बना हुआ नजर आया। रुपये पर बढ़ते दबाव की वजह से भारतीय मुद्रा 68 पैसे की कमजोरी के 88.31 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंच गई। हालांकि बाद में डॉलर की मांग में थोड़ी कमी आने रुपये की स्थिति में कुछ सुधार भी हुआ। पूरे दिन के कारोबार के बाद डॉलर की तुलना में रुपये ने 57 पैसे की गिरावट के साथ 88.20 के स्तर पर दिन के कारोबार का अंत किया। मुद्रा बाजार के दिन के कारोबार में रुपये ने डॉलर के साथ ही ज्यादातर दूसरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोरी दिखाई। दिन के कारोबार के बाद ब्रिटिश पौंड (जीबीपी) की तुलना में रुपया 41.48 पैसे की गिरावट के साथ 118.73 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह यूरो की तुलना में रुपया 88.59 पैसे की कमजोरी के साथ 102.96 (अनंतिम) के स्तर तक पहुंच गया।
खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना के अनुसार शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अमेरिकी टैरिफ के आर्थिक प्रभाव ने मुद्रा बाजार के सेंटीमेंट्स को काफी प्रभावित किया। इसके साथ ही डॉलर की मजबूत बोलियों और महीने के अंत में आने वाली मांग के चलते भारतीय रुपया आज अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया। खुराना का मानना है कि भारतीय मुद्रा पर फिलहाल चौतरफा दबाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में अगर रिजर्व बैंक रुपये को सहारा देने के लिए जल्दी ही आगे नहीं आया, तो डॉलर तथा अन्य दूसरी अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में रुपये की कमजोरी और बढ़ सकती है।