2017 में जीएसटी की शुरूआत के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार
sunil verma
रांची: भारत की आर्थिक यात्रा आज एक निर्णायक मोड़ पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पिछले एक दशक में जिस प्रकार पारदर्शिता, सुशासन और विकास के मार्ग पर कदम बढ़ाया है, उसमें वस्तु एवं सेवा कर सुधार एक मील का पत्थर है। 2017 में जीएसटी की शुरूआत के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार है, जिसने न केवल कर प्रणाली को सरल बनाया बल्कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी आर्थिक आधार दिया। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में जो अगली पीढ़ी के सुधार लागू किए गए हैं, वे न केवल कर संरचना को आसान बनाते हैं बल्कि आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग, एमएसएमई और उद्योग जगत—सभी को नई ऊर्जा और राहत प्रदान करते हैं। दो-स्लैब संरचना : पारदर्शिता और सरलता का नया युग पहले जहां 5%, 12%, 18% और 28% की बहुस्तरीय व्यवस्था थी, अब उसे सिर्फ दो दरों 5% और 18% में बदल दिया गया है। इससे कराधान का ढांचा अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और पालन में आसान होगा। जीएसटी सुधारों ने घरेलू आवश्यक वस्तुओं पर कर घटाकर 5% या शून्य कर दिया, जिससे सामर्थ्य में वृद्धि हुइ। जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें 12% से घटाकर शून्य या 5% कर दी गईं , जिससे स्वास्थ्य सेवा सस्ती हो गई। दोपहिया वाहन, छोटी कारें, टीवी, एसी, सीमेंट पर कर 28% से घटाकर 18% कर दिया गया , जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिली। कृषि मशीनरी और सिंचाई उपकरणों पर कर 12% से घटाकर 5% किया गया , जिससे कृषि लागत में कमी आई। ये परिवर्तन केवल आंकड़ों में कमी नहीं हैं, बल्कि मध्यम वर्ग के घरों की बचत, किसानों की उत्पादन लागत में कमी, और छोटे उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि के प्रत्यक्ष उपाय हैं। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा हमेशा से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण पर केंद्रित रही है। यही दृष्टिकोण इन सुधारों में परिलक्षित होता है-शिक्षा,स्वास्थ्य ,कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कला और संस्कृति,। झारखंड भाजपा का संकल्प है कि इन सुधारों को राज्य के हर नागरिक तक पहुंचाया जाए, ताकि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति साकार हो।
