रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी बार-बार झूठ का पुलिंदा बांधकर जनता को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। असल में उन्हें न तो तथ्यों की परवाह है, न ही राज्य के विकास की। तथाकथित शराब घोटाले की आड़ में जो सवाल वे सूत्रों के हवाले से उठा रहे हैं, वह किसी जिम्मेदार विपक्ष का नहीं, बल्कि निराश और हताश नेता का बयान लगता है। बाबूलाल के पास ठोस सुबूत है तो सरकार को उपलब्ध कराएं। सरकार जांच कर उचित कार्रवाई करने के लिए हमेशा तत्पर है। मरांडी बताएं, भाजपा शासित राज्यों—मध्यप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ में हुए असली शराब घोटालों पर उन्होंने कभी क्यों चुप्पी साध ली। क्या वहां भी जांच की मांग करेंगे या भाजपा के भ्रष्ट नेताओं की रखवाली उनका असली काम है। जहां तक एसीबी की कार्रवाई की बात है, सरकार किसी आरोपी को बचाने नहीं, बल्कि कानून के अनुसार दंडित करने की नीति पर काम कर रही है। मगर भाजपा की राजनीति का सच यह है कि जब उनकी सरकार रहती है तो आरोपी ह्लपवित्रह्व हो जाते हैं और जब विपक्ष में आते हैं तो वही लोग ह्लघोटालेबाजह्व घोषित कर दिए जाते हैं। मरांडी अपने कार्यकाल का आईना देख लें खुद मुख्यमंत्री रहते कितने भ्रष्टाचार मामलों पर उन्होंने कार्रवाई की थी सच यह है कि झारखंड की जनता उन्हें नकार चुकी है और अब वे केवल झूठी बयानबाजी करके सुर्ख़ियों में बने रहना चाहते हैं। झामुमो सरकार साफ कहती है भ्रष्टाचार चाहे किसी ने भी किया हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन भाजपा की तरह हम जांच एजेंसियों को रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाते। मरांडी आपकी राजनीति की हवा निकल चुकी है। बेहतर होगा कि आप सस्ती नौटंकी छोड़कर जनता से माफी मांगों और भाजपा सरकारों में हो रहे असली शराब घोटालों पर चुप्पी तोड़ें।
