- कई वर्षों से सीसीएल के चंगुल में फंसे मनवाटोंगरी के रैयतों को विजय दास ने दिलाया उनका हक और अधिकार
- निवर्तमान सीओ विजय कुमार दास का 395 दिनों का सफर में सैकड़ों लोगों को जमीन का सत्यापन कर सीसीएल में नौकरी दिलाने का किया काम
कुमार कुलदीप
टंडवा (चतरा): अधिकारियों के कार्यों का आकलन पब्लिक व प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय,कार्यों का त्वरित निष्पादन, सेवा के प्रति समर्पण भाव यही मायने खाश रखते हैं। जहां अल्पकाल में हीं नये कार्यक्षेत्र का दायित्व मिलने के बाद जिस रफ्तार से निवर्तमान सीओ विजय कुमार दास ने लोगों के दिलों में जगह बनाकर जिसतरह कुशल प्रशासक की भूमिका निभाई उसकी मुक्तकंठ प्रशंसा अब चहुंओर की जा रही है। चंद दिनों में ये हीं ऐसी उपलब्धि हासिल करना खाशकर टंडवा अंचल में कतई आसान नहीं है। वो भी तब जब राजस्व जैसा संवेदनशील विभाग में यहां पग-पग चुनौतियां व चूक होने की व्यापक संभावनाऐं बनी हो। फिर भी उन्होंने हर मामलों को बारीकी से निरीक्षण कर सफल निष्पादन करने का जो मिशाल कायम किये वो काबिलेतारिफ है। विदित हो कि औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो रहे टंडवा में विभिन्न परियोजनाओं के संचालन होने से जमीनी विवादों का दायरा भी यहां लगातार बढ़ता हीं जा रहा है। ऐसी स्थिति में निवर्तमान सीओ विजय दास ने त्वरित निष्पादन करते हुवे दर्जनों रैयतों को सुलभता से भूमि सत्यापन करवाकर सीसीएल में नौकरी पाने की राह को आसान बना दिये। ऐसे तो उनके कार्यशैली व विशिष्टता के अनेकों उदाहरण हैं इनमें से एक है आम्रपाली कोल परियोजना के विस्तारीकरण में भूमि सत्यापन को लेकर व्यवधान बना मनवाटोंगरी का मामला। जहां रहने वाले 107 रैयतों के बीच दर्जनों बार जाकर समन्वय बनाते हुवे उनकी मांगों से रुबरु होकर जिला प्रशासन से भावनानुरुप न्याय उपलब्ध कराया। इसका दोहरा लाभ यह हुवा कि परियोजना के विस्तारीकरण को जहां गति मिला वहीं दूसरी ओर रैयतों के मामले का निराकरण भी हो गया।आपने भी महसूस किया होगा कि शोषितों-वंचितों के प्रति समर्पित विजय दास ने सभी मामलों को जितनी शीघ्रता से निष्पादन कराये इस मामले में उनके समकक्ष रहे पूर्व अधिकारी दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आते हैं। पिछले 2 सितंबर 2022 से टंडवा अंचल का कार्यभार संभालने वाले सीओ महज पूरे एक साल तक निश्चय हीं अथक परिश्रम किया है। इस दौरान संचालित विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं के विस्तारीकरण में जटिल अडचनों को निष्पादित किये जाने में उनकी सराहनीय भूमिका रही है। करप्शन व लापरवाह अधिकारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की उनकी नीति के कारण आधा दर्जन राजस्व कर्मचारियों को निलंबित कराने के मामले ने तब उनकी निष्पक्ष व पारदर्शी नीति ने काफ़ी सुर्खियां बटोरी थी। बताया जाता है कि चतरा डीसी अबू इमरान भी श्री दास के पारदर्शी कार्यों की तारीफ झारखंड सरकार के पास कर चुके हैं। 395 दिनों के समय में न सिर्फ केंद्र की योजनाओं में एनटीपीसी,सीसीएल, मगध आम्रपाली, अशोका जैसे परियोजना समेत रेलवे के कार्यों को विस्तार करवाया। बल्कि अंचल क्षेत्र के विभिन्न प्रकार की जमीनी समस्याओं को लेकर अधिकृत बंदोबस्त जमीनों का प्रशासनिक सत्यापन भी करवाया साथ ही अवैध तरीके से जमीन को कब्जा किए गए रैयतों को भी उन्होंने नहीं बक्शा। इस प्रकार आधा दर्जन राजस्व कर्मचारियों को निलंबित करने का अनुशंसा भी किया। चतरा कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में सेवारत विजय कुमार दास को 2 सितंबर 2022 को टंडवा का बागडोर संभालते ही पिछले उन्होंने आम्रपाली कोल परियोजना के मानवटोंगरी में जमीनों का विवाद को सुलझाया। फिलहाल मानव टोंगरी के मामले में 39 एकड़ की सत्यापन की प्रक्रिया जारी था। विजय कुमार दास के द्वारा वन पट्टा का भी वितरण किया गया था। इसी प्रकार एनटीपीसी के कन्वेयर बेल्ट के मामले में जमीनों की समस्या का समाधान कर उसका विस्तार शुरू करवाया। बहरहाल, पिछले ढाई साल से टंडवा अंचल में स्थाई अंचलाधिकारी की पोस्टिंग सीओ राजेंद्र कुमार दास के तौर पर कर दी गई है।
गाड़ी लौंग पंचायत के मुखिया शबीदा खातून ने नीवर्तमान सीओ विजय कुमार दास के कार्य प्रणाली को देखते हुए उच्च पदाधिकारी के रूप में चतरा जिला में ही रखने का आग्रह डीसी आबू इमरान से किया है।उनके कार्य से लाखों रैयत संतुष्ट हैं और कहा है की किसी भी जमीनी मामले को त्वरित निष्पादन करने का कार्य इन्होंने किया है।