प्रस्वीकृत अनुदानित इन्टर कॉलेज एवं हाई स्कुलों को अधिग्रहण एवं घाटा अनुदान की स्वीकृति हो प्रदान: भूषण बाड़ा

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प्रस्वीकृत अनुदानित इन्टर महाविद्यालय एवं उच्च विद्यालयों के प्रतिनिधि मंडल ने किया विधायक से मुलाकात

Amit Ranjan

सिमडेगा: झारखण्ड राज्य के सभी जिले सहित सिमडेगा जिले के सभी प्रस्वीकृत अनुदानित इन्टर महाविद्यालय एवं उच्च विद्यालयों को अधिग्रहण एवं घाटा अनुदान देने के संबंध में प्रस्वीकृत अनुदानित इन्टर महाविद्यालय एवं उच्च विद्यालयों के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक से मुलाकात किया। वही इस दौरान वित्त रहित शिक्षक संघ के अध्यक्ष विद्याबंधु शास्त्री, तथा सचिव के अगुवाई में यह प्रतिनिधिमंडल वित्तरहित महाविद्यालयों के (झारखंड सरकार) द्वारा मनोनित शासी निकाय के अध्यक्ष सह विधायक भूषण बाड़ा से मुलाकात किया। जिस दौरान महाविद्यालय के अधिग्रहण के साथ ही साथ महाविद्यालय के विकासात्मक कार्यों पर भी चर्चा करते हुए प्रतिनिधि मंडल द्वारा विधायक भूषण बाड़ा को आवेदन सौपा जिसपर विधायक भूषण बाड़ा द्वारा विश्वास दिलाते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि हमारे सिमडेगा विधानसभा एवं कोलेबिरा विधानसभा के सभी इन्टर एवं उच्च विद्यालयों में विगत 35 वर्षों से वित्तरहित शिक्षानिति के तहत बिना वेतन के लाखों अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्यन्त निर्धन आदिवासी छात्र छात्राओं की अनवरत शिक्षा प्रदान कर रहें है। इन कर्मियों की आज तक वेतन के नाम पर रुपया भी नहीं मिलता है, मेरे क्षेत्र भ्रमण से पता चलता है कि इन्हें अत्यन्त कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, सभी को पता है कि बिना वेतन का कोई काम कैसे हो सकता है। मैं सभी इन्टर कॉलेज के अध्यक्ष होने के नाते मुझे पता चल रहा है कि इन कॉलेज और हाई स्कूलों में गरीब दलित और पिछड़े और अल्पसंख्यक विद्यार्थी इन संस्थानों में अध्ययन कर रहे है। इन संस्थानों में सरकार के मानक के अनुसार सारी मूलभुत सुविधाओं संरचना भूमि भवन उपस्कर आदि संम्पूर्ण है। इन संस्थानों के कर्मी विगत 35 वर्षो से भूखे है और भूखे रहकर हमारे क्षेत्र में शिक्षादान कर रहें है, इनका कार्य सराहनीय है। वहीं पत्र के माध्यम से आग्रह करते हुए कहा है कि कि उक्त संस्थानों में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारियों की दयनीय आर्थिक स्थिति पर साहनुभूति पूर्वक विचार करते हुए जिले के सभी प्रस्वीकृत अनुदानित इन्टर कॉलेज एवं हाई स्कुलों को अधिग्रहण एवं घाटा अनुदान की स्वीकृति प्रदान की जाय जिससे कार्यरत शिक्षकों कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिल सके।