कुर्मी जाति की ST मांग आदिवासी अस्मिता पर हमला: आदिवासी बचाओ मोर्चा

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8 अक्टूबर को आदिवासी आक्रोश महा रैली में गूंजेगी एकता की हुंकार

Bijyanand Sinha
बोकारो:
आदिवासियों के संवैधानिक हक, अधिकार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, नौकरी, आरक्षण और जमीन पर खतरा मंडरा रहा है। कुर्मी जाति के कुछ संगठन अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल होने की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। इस मुद्दे पर आदिवासी बचाओ मोर्चा ने रविवार को बोकारो सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता कर तीखी प्रतिक्रिया दी। मोर्चा के अध्यक्ष अमित सोरेन ने कहा कि कुर्मी जाति द्वारा सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाकर ST में शामिल होने की कोशिश की जा रही है। “रेल ठेका” और “डहर छेका” जैसे आंदोलनों के जरिए वोट बैंक की राजनीति कर केंद्र और राज्य सरकार को डराने का प्रयास हो रहा है। सोरेन ने आरोप लगाया कि कुर्मी समाज के कुछ लोग ब्रिटिश शासनकाल के आदिवासी विद्रोहों — चौहार, कोल और संथाल विद्रोह — में रघुनाथ महतो, बोली महतो और चरकु महतो जैसे नामों को जबरन जोड़कर फर्जी इतिहास गढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सिर्फ आदिवासियों की गौरवशाली विरासत पर कब्जा जमाने की साजिश है। “कल तक हमें असभ्य, जंगली और कंदमूल खाने वाला कहा जाता था, आज वही लोग अपने को आदिवासी साबित करने के लिए फर्जी दस्तावेज और झूठी सभ्यता का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानवशास्त्रियों की रिपोर्ट, पुरातात्विक साक्ष्य, लुकुर कमेटी की सिफारिशें और TRI के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि कुर्मी जाति अनुसूचित जनजाति नहीं है। इस मांग का उद्देश्य मूल आदिवासियों के हक, अधिकार और आरक्षण पर कब्जा करना है। मोर्चा के नेता अनिल मुर्मू ने कहा कि यह आदिवासी समाज को हासिए पर धकेलने की साजिश है, जिसका मुंहतोड़ जवाब केवल एकता से ही दिया जा सकता है। उन्होंने सभी संथाल, मुंडा, उरांव, भूमिज, हो, खड़िया, बेदया, करमाली, गोड़, कोरबा, लोहार समेत 33 आदिवासी समुदायों से एकजुट होने की अपील की।सोहराय हांसदा ने घोषणा की कि 8 अक्टूबर 2025 को बोकारो में “आदिवासी आक्रोश महा रैली” आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रैली आदिवासी अस्मिता, हक और अस्तित्व की रक्षा की दिशा में ऐतिहासिक पड़ाव साबित होगी। मौके पर उमाशंकर मोदी, रणदेव मुर्मू, भीम मांझी, धनंजय मोदी, निर्मल मोची, रविन्द्रनाथ हांसदा, कालीचरण हेंब्रम, बलवीर मांझी, पंकज मरांडी सहित अनेक आदिवासी नेता मौजूद थे।

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