Eksandeshlive Desk
काठमांडू : बीती रात से लगातार बारिश और मौसम में बदलाव की वजह से देश के कई एयरपोर्ट फिलहाल बंद हैं। तेज बारिश के कारण विमानस्थलों का विजिबिलिटी न्यून होने के कारण विमानों के उड़ान अवतरण को रोक दिया गया है। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल के प्रवक्ता रिन्जी शेर्पा ने कहा कि काठमांडू आने वाली उड़ानों में दिक्कतें आ रही हैं। देश के विभिन्न गंतव्यों से काठमांडू आने वाली विमानों को समस्या होने के कारण कई आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय विमानों को डाइवर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “फिलहाल काठमांडू एयरपोर्ट खुला है लेकिन भरतपुर, जनकपुर, सिमरा, भद्रपुर, विराटनगर और पोखरा एयरपोर्ट बंद हैं। भैरहवा से काठमांडू के लिए उड़ान भरने वाला श्रीएयर का विमान वापस भैरहवा लौट गया है। इसी तरह दिल्ली से काठमांडू आ रहा इंडिगो का विमान भी वापस दिल्ली भेजा गया है।” प्रवक्ता शेर्पा के अनुसार, श्रीएयर का विराटनगर से काठमांडू के लिए रवाना हुआ विमान भी मौसम खराबी के कारण विराटनगर लौट गया है। इसी तरह नेपाल एयरलाइंस की दोहा से काठमांडू आ रही उड़ान को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया है।
भारी बर्फबारी में फंसे 2000 विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित निकला गया : लगातार बारिश और भारी बर्फबारी के कारण देश के हिमालयी क्षेत्रों में फंसे करीब दो हजार विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। ट्रेकिंग सीजन के दौरान पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मनांग, मुस्तांग, म्याग्दी और गोरखा के ऊंचाई वाले इलाकों में कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक फंस गए थे। गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आपदा प्रबंधन महाशाखा के प्रमुख गोविंद रिजाल ने कहा कि गुरुवार सुबह तक लगभग 2000 विदेशी और 350 घरेलू पर्यटकों के सुरक्षित बचाया जा चुका है। रिजाल ने बताया कि कुछ पर्यटक अभी भी गहरी बर्फबारी में फंसे हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास किया जा रहा है। गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन महाशाखा की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक मनांग जिले से सबसे अधिक पर्यटकों को बचाया गया है। स्थानीय प्रशासन ने आपदा के तुरंत बाद आपातकालीन राहत टीमें तैनात कर दी थीं। तीलिचो, खांगसर, पिसांग और अपर मनांग में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है। तीलिचो, अपर मनांग और आसपास के क्षेत्रों में फंसे 1,500 से अधिक विदेशी पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। वर्तमान में कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग जो स्वेच्छा से रुक गए हैं, उन्हें छोड़कर सभी को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया है। रेस्क्यू किए गए पर्यटक अब चामे और बेसिसहर जैसे स्थानों पर पहुंच चुके हैं। हिमपात के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने से जिले में वाहन की कमी देखी गई। पर्यटकों को सुरक्षित रूप से पहुँचाने के लिए 15 जीप और 2 बसें तैनात की गईं। यह बचाव अभियान नेपाल सेना के मनांग में स्थित न्यू भैरवी बटालियन, सशस्त्र प्रहरी बल और स्थानीय निवासियों के संयुक्त सहयोग से सफल हुआ।
