डॉ. सुजय रक्षित को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी द्वारा किया गया सम्मानित

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Mukesh Kumar

नामकुम: नामकुम के गडखटंगा स्थित भाकृअनुप भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (नासा) द्वारा सम्मानित किया गया। 1990 में स्थापित नासा भारत की तीन प्रतिष्ठित विज्ञान अकादमियों में से एक है। यह पुरस्कार कोच्चि में 10 से 13 अक्टूबर 2023 में आयोजित किया गया है। डॉ सुजय रक्षित यह पुरस्कार 10 अक्टूबर को केंद्रीय पशुपालन, मुर्गी पालन और मत्स्य पालन मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने केरल सरकार के कृषि मंत्री, सचिव डेयर व डीजी आईसीएआर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति प्रदान किया गया।
डॉ रक्षित को पुरस्कार उन्हें ’सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों का परिवर्तन’ विषय पर 16वीं कृषि विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के दौरान फसल सुधार के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी का मान्यता पुरस्कार मिला। 1990 में स्थापित नासा भारत की तीन प्रतिष्ठित विज्ञान अकादमियों में से एक है।

डॉ रक्षित ने 28 आनुवंशिक स्टॉक, मक्का के 14 संकर व एक चारा ज्वार किस्म जारी किया है
डॉ. रक्षित ने मक्का, ज्वार, लघु बाजरा, चावल और दालों के सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने 28 आनुवंशिक स्टॉक के अलावा मक्का की 14 संकर और एक चारा ज्वार किस्म जारी की है। उन्होंने मक्का में डी.यू.एस. परीक्षण के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देश विकसित करके किस्म संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने लुधियाना में भाकृअनुप-भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान की स्थापना और वर्तमान में राँची में भाकृअनुप-भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत एक राष्ट्रीय संस्थान है। यह संस्थान पौधों, जानवरों, मत्स्य पालन और सूक्ष्म जीवों के इंटरफेस के रूप में जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रणी अनुसंधान करता है, इसके अलावा यह बायोटेक्नोलॉजी में बी.टेक और एम.एससी एवं अन्य विषयों में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।