sunil verma
रांची: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर अबुआ अधिकार मंच के सदस्यों द्वारा कोकर स्थित उनके समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व मंच के युवा नेता,समाजसेवी वेदांत कौस्तव एवं रांची विश्वविद्यालय संयोजक अभिषेक शुक्ला ने किया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में मंच से जुड़े पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। सभी ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके अदम्य साहस, संघर्ष और जन-जन को प्रेरित करने वाली स्वतंत्रता यात्रा को स्मरण किया। वेदांत कौस्तव ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल एक जननायक ही नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, संघर्ष और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उनका सम्पूर्ण जीवन समाज को न्याय, अधिकार और समानता की लड़ाई के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आज भी शिक्षा, अधिकार और मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष जारी है, और बिरसा मुंडा की शिक्षाएँ हमें सही दिशा प्रदान करती हैं। रांची विवि के संयोजक अभिषेक शुक्ला ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ आंदोलन उलगुलान केवल एक विद्रोह नहीं बल्कि सर्वांगीण सामाजिक-धार्मिक-राजनीतिक क्रांति था।भगवान बिरसा मुंडा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन महान जननायकों में से एक थे, जिन्होंने जनजातीय समाज को सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक शोषण से मुक्त कराने के लिए ऐतिहासिक संघर्ष किया। उन्होंने केवल एक विद्रोह ही नहीं किया, बल्कि जनजातीय समाज की चेतना, संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा हेतु एक व्यापक आंदोलन की नींव रखी। उनका संपूर्ण जीवन साहस, त्याग और जन-कल्याण की मिसाल है। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में वेदांत कौस्तव,अभिषेक शुक्ला,विक्रम यादव,बिपिन कुमार यादव,मानस्वी जायसवाल,डालमानी गोप,विशाल कुमार यादव,दिवाकर प्रजापति, ऋषभ, प्रताप टोप्पो विशाल,अमन,अमित,अनुज, अनमोल,मनोज,गौतम राणा,ऋषभ मिश्रा, राहुल कुमार, सूर्य प्रकाश,आदित्य कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।
