आंध्र प्रदेश : मुठभेड़ में मोस्ट वांटेड हिडमा व उसकी पत्नी समेत छह माओवादी ढेर

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Eksandeshlive Desk

राजमुंद्री/मारेडुमिली : आंध्र प्रदेश के राजमुंद्री के निकट अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेडुमिली वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में छह माओवादी मार गिराए हैं। इनमें मोस्ट वांटेड माओवादी नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य माडवी हिडमा और उसकी पत्नी राजक्का भी शामिल हैं। हिडमा पर एक करोड़ और उसकी पत्नी पर पचास लाख रुपये का इनाम था। आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबल ने मंगलवार सुबह छह बजे से इलाके में तलाशी अभियान चलाया था। इसके चलते उत्तर आंध्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मारेडुमिली वन क्षेत्र में माओवादियों ने सुरक्षाबल को देखकर फायरिंग कर दी। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने जवाबी फायरिंग की। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने छह माओवादियों को ढेर कर दिया। मारे गए लोगों की पहचान मोस्ट वांटेड माओवादी नेता और केंद्रीय समिति के सदस्य माडवी हिडमा, उसकी पत्नी राजक्का के अलावा उसके साथी मल्ला, देवे, चेल्लूरी नारायण उर्फ ​​सुरेश और टेक शंकर के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि हिडमा पर एक करोड़ और उसकी पत्नी राजक्का पर पचास लाख रुपये का इनाम था। राजक्का वर्ष 2010 में सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवान के बलिदान होने वाली मुठभेड़ में भी शामिल थी। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवती गांव में जन्मे माडवी हिडमा बस्तर क्षेत्र में कम उम्र में ही माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य बन गया था। उसे गुरिल्ला हमलों के रणनीतिकार के रूप में जाना जाता था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी के कमांडर और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य भी रहा है। हिडमा 26 हमलों के मामले में मुख्य आरोपित था। आरोप है कि हिडमा ने सुरक्षा बलों पर हुए कई हमलों का नेतृत्व किया था। वह हिंदी, गोंडी, तेलुगु, कोया और बंगाली भाषाओं में पारंगत था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में दंडकारण्यम में हुई मुठभेड़ में हिडमा के मारे जाने की खबर उड़ी थी। वह माओवादियों की त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहता था।

मुठभेड़ में ढेर हुए कुख्यात नक्सली हिडमा ने फिलिपींस से ली थी गोरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग : कुख्यात नक्सली नेता माड़वी हिडमा ने फिलीपींस में जाकर गुरिल्ला युद्ध सीखा था। माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की बटालियन-1 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला कुख्यात नक्सली माड़वी हिडमा आतंक का पर्याय था। वह अपनी रणनीतिक क्षमता और नेतृत्व के कारण स्थानीय समुदायों में माओवादी विचारधारा फैलाने के लिए उसे स्कूल भी स्थापित किए थे। सुरक्षा बलों ने मंगलवार सुबह आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले के मारेदुमिल्ली के पास हुई एक मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली नेता माड़वी हिडमा औरउसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का और पांच अन्य नक्सलियों को मार गिराया गया। यह मुठभेड़ में स्थल छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा के नजदीक स्थित है। इस मुठभेड़ मे मारा गया नक्सली कमांडर हिडमा ने फिलीपीन्स जा कर गुरिल्ला युद्ध सीखा था। हिडमा के खात्मे से नक्सल आंदोलन अब लगभग धराशायी हो गया है। सुरक्षा बल जहां इस कुख्यात नक्सली नेता के मारे जाने से गदगद है वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कामयाबी पर सुरक्षा बलों को बधाई दी है। हिडमा, जिसे मडावी, संतोष और इंदमुल के नामों से भी जाना जाता था। पिछले दो दशकों से छत्तीासगढ़ के बस्तर में नक्सल आतंक का पर्याय बना हुआ था। वह भारतीय माओवादी संगठन के केंद्रीय कमेटी का सदस्य था और बस्तर के नक्सल गढ़ों में आतंक फैलाने में शामिल था। हिडमा के नेतृत्व में नक्सलियों ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया था। इनमें 2010 में दंतेवाड़ा हमला (जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे), 2013 में झीरम घाटी नरसंहार (जिसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता समेत 31 लोग मारे गए थे) और 2017 में बुरकापाल हमला (जिसमें 25 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे) शामिल हैं।

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