Eksandeshlive Desk
हजारीबाग: इस युग के भगवान कहे जाने वाले संपूर्ण विश्व का कल्याण करने की सोच के साथ तथा प्रत्येक मानव के लिए करुणा बरसाने वाले जैन समाज के सबसे बड़े मुनिराज आचार्य गुरुवार श्री विद्यासागर जी महाराज ने डूंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में सलेखना पूर्वक महा समाधि ले ली, हजारीबाग दिगंबर जैन समाज के कार्यकारिणी सदस्य टोनी जैन ने कहा कि अभी कुछ महीने पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का दर्शन करने का सौभाग्य हम लोगों को मिला, उनके समाधि लेने से संपूर्ण जीव जंतु मानव सभी शोक में डूब गए ,क्योंकि आचार्य श्री सभी जीव पर करुणा दया बरसाते थे 56 वर्ष पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी ने अजमेर नगर में आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज से मुनी दशा को अंगीकार किया था ,आत्म कल्याण के साथ-साथ संपूर्ण विश्व का कैसे कल्याण हो इसकी चिंतन वह लगातार करते रहते थे, बहुत सारी कल्याणकारी कार्य हो रही थी ,इसमें प्रमुख रूप से हथकरघा का कार्य बहुत तेजी से चल रहा था ,इसमें हजारों लोग कार्य कर रहे थे ,पुराने जमाने में गुरुकुल के पद्धति पर प्रतिभास्थली भी बच्चों के पठन-पाठन के साथ-साथ भारतीय संस्कार भी दे रही है हजारों बच्चे बच्चियों इस प्रतिभास्थली में शिक्षा ग्रहण कर रहे है, सैकड़ो जैन मंदिर का उद्धार करवाया ,हजारों गौशाला आचार्य श्री की प्रेरणा से संपूर्ण भारत में कार्य कर रही है हजारों लोगों को रोजगार भी दे रही है ,और भी बहुत सारी कल्याणकारी कार्य हो रही है ,आचार्य श्री का जीवन बिल्कुल सादगी के साथ रस रहित था ,आचार्य श्री का का चीनी नमक, दही, हरी सब्जी, चटाई, ड्राई फ्रूट्स ,सभी चीजों का आजीवन त्याग था ,और वह अनीयत बिहारी थे बिना बोले ही बिहार करते थे ,लगभग 500 दीक्षाएं उन्होंने दी ,जिसमें मुनि, आर्थिका ,छुलक, छुलिका ,और ब्रह्मचर्य/ सभी धर्म और प्रत्येक मानव के लिए वह पूजनीय थे ,उनकी समाधि की खबर सुनते ही संपूर्ण ब्रह्मांड में मातम छा गया , हर व्यक्ति ने अपने हिसाब से विन्यांजलि प्रस्तुत की, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अपने उदगार व्यक्त करते-करते उनकी आंखें भी भर आई ऐसा कोई संत समाज , राष्ट्र नेता या किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाला सभी की आंखें भर आई थी, ऐसा लगा जैसे पृथ्वी से किसी भगवान का बिहार हो गया और हम लोग अनाथ हो गए!