आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है जतरा मेला : बच्चन उरांव

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Eksandesh Desk

रांची: कांके प्रखंड के ग्राम पंचायत हूंदूर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 दिसंबर (दिन बुधवार) को रईसका डुबा जतरा मेला का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन क्षेत्रीय सरना समिति अध्यक्ष सह झारखंड पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बच्चन उरांव,आदिवासी नेता डॉ बिरसा उरांव,झामुमो कांके प्रखंड अध्यक्ष जावेद अख्तर अंसारी व सुनिल फकीरा समेंत उपस्थित अन्य अतिथियों ने किया। अतिथियों ने कहा कि रईसका डुबा जतरा मेला कांके व ओरमांझी प्रखंड को जोड़ने वाली सीमावर्ती क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को आयोजन किया जाता है। जो समस्त झारखंड के आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है। यह आयोजन फसल कटाई के बाद बड़ा दिन के शुभ अवसर पर होता है। इसमें आदिवासी समाज अपने पशुओं व प्रकृति के प्रति प्रेम-आभार प्रकट करता है। जतरा मेला आदिवासी जीवन शैली,रीति-रिवाज व परंपराओं का प्रतीक है। यह जतरा न सिर्फ दो प्रखंड के सीमाओं को जोड़ता है,बल्कि इस मेला के आयोजन से लोगों को एक-दूसरे से मिलने का भी मौका मिलता है। जिससे आपसी एकता और मजबूत होती है। वक्ताओं ने कहा हमें इस संस्कृति को बचाने व आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

इस जतरा सह मेला में केदल चुटू,नेवरी,ओयना, चंदवे,चारी-हूजीर,हूंदर,बरटोला,हलदमा,जिराबार,शांति,होंचई, सदमा,कूचू-कामता आदि कांके तथा ओरमांझी प्रखंड के सैकड़ों ग्रामीण जुटे थे। कलाकारों ने गीत-नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया। मौके पर अध्यक्ष विनोद उरांव,कार्यकारी अध्यक्ष सह मुखिया रजनी देवी,सचिव बालेश्वर पाहन व विक्रम उरांव, कोषाध्यक्ष सिकंदर मुंडा के अलावे संरक्षक संदिप उरांव,सोमा उरांव,गोविंद महतो पूर्व पंसस शंभू करमाली आदि उपस्थित थे। आयोजन को सफल बनाने में भुवनेश्वर रघु बसंत रितेश विनोद मीना देवी महावीर महानंद मंगल लखन प्रेमचंद बसंत इत्यादि तमाम आयोजन कमेटी के लोगों का योगदान रहा।