आदिवासी युवा सम्मेलन में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ने कांग्रेस प्रत्याशी को सौंपा छह सूत्री मांग पत्र
Eksandesh Desk
रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय शुक्रवार को कांके प्रखंड अंतर्गत चौड़ी बस्ती मैदान में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित आदिवासी युवा सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सहाय ने कहा कि आदिवासियों के मान-सम्मान और उनके हितों के संरक्षण के प्रति कांग्रेस पार्टी हमेशा तत्पर रही है। आगे भी आदिवासियों को समुचित सम्मान देने की दिशा में वह सतत प्रयासरत रहेंगे।
आदिवासी युवा सम्मेलन में काफी संख्या में विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधिगण शामिल हुए।
आदिवासी युवा सम्मेलन के माध्यम से रांची संसदीय सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय के नाम छह सूत्री मांग पत्र भी सौंपा गया। मांग पत्र में मुख्य रूप से सरना कोड लागू करने, संविधान में बदलाव रोकने, आदिवासियों के सामाजिक व धार्मिक जमीनों की सुरक्षा करने, आदिवासी अगुवा नेता जब अपनी जमीन बचाने जाते हैं तो थाना पुलिस नहीं सुनती, उल्टा झूठा केस कर दिया जाता है, इस पर रोक लगाने, आदिवासी संगठनों के अगुवा को समुचित मान-सम्मान देने, चुनाव जीतने पर आदिवासी समाज से हर क्षेत्र के लिए एक-एक सांसद प्रतिनिधि या सलाहकार बनाने की मांग की गई। मौके पर श्री सहाय का आदिवासी संगठनों की ओर से पारंपरिक तौर तरीके से भव्य स्वागत किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि झारखंड में आदिवासी समुदाय हाशिए पर धकेले जा रहे हैं। इस पर रोक लगाने की दिशा में समुचित कदम उठाया जाना जरूरी है। श्री मुंडा ने सम्मेलन के माध्यम से सभी आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी यशस्विनी सहाय आदिवासी समुदाय की समस्याओं के प्रति गंभीर हैं। कांग्रेस पार्टी द्वारा आदिवासियों को समुचित सम्मान मिलता रहा है।
इस अवसर पर आदिवासी लोहरा समाज के अभय भुटकुवर,अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के रांची जिला अध्यक्ष कुदरशी मुंडा, उपाध्यक्ष कजरू मुंडा, केंद्रीय सरना समिति के सचिव राजू मुंडा, नारायण उरांव, लक्ष्मण उरांव, लाला महली, शिवटहल नायक, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप, बोड़ेया पंचायत के सरपंच अमर तिर्की, सरना समिति कांके के पूर्व अध्यक्ष चमन तिर्की, नगड़ी की सीता कच्छप सहित काफी संख्या में आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।