आदिवासियों – मूलवासियों का भय दिख रहा मोदी को : सुप्रियो

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by sunil
रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा हजारीबाग में दिये गये भाषण का कड़ा प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पीएम के चेहरे पर आदिवासी-मूलवासियों का भय साफ दिख रहा था, उन्हें डर सताने लगा है जिस प्रकार से लेह, लद्दाख और कारगिल के 150 आदिवासी सड़क पर उतर कर छठी अनुसूची में शामिल करने को लेकर आंदोलन कर रहे है, और उन्हें छह हजार पुलिस उतार कर गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक कि सोनम वांगचुक को भी रेस्ट कर लिया गया। वहां की जमीन अडानी को और मिथियम बिथियम बैटरी को देने का सौदा कर लिया गया है। उसी प्रकार झारखंड में भी अब उन्हें आदिवासी-मूलवासी से डर सताने लगा है, इन्हें आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से डर लगता है। क्योंकि एनडीए के सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री, वर्तमान अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सहयोगी पार्टनर सुदेश महतो ओबीसी आरक्षण 27 से घटा कर 14 कर दिया। जबकि हमारी सरकार ने इसे फिर से 27 प्रतिशत करने का बिल पास कर दिया। आदिवासी हित की बात करने वाले प्रधानमंत्री और भाजपा सरना धर्म कोड का चुप्पी साधे हुए है। लोकसभा चुनाव में झारखंड से एकत्रित की गयी मिट्टी राजनाथ सिंह को सौंपी गयी थी, हाल सभी को पता है। पांचों की पांचों आदिवासी सीट में साफ। विधानसभा चुनाव में भी उसी गड्ढे में भाजपा का जाना तय है। हम ऐसी व्यवस्था कर देंगे कि आगामी पांच साल तक मोदी को कम से कम वोट मांगने के लिए झारखंड आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दुर्गा पूजा के बाद काली पूजा आ रही है, जिसमें पूंजीपति रूपी दानवों का यहां की आदिवासी-मूलवासी जनता संहार कर देगी। भाजपा में भूतों (भूतपूर्व) की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी है. इनका भी नाश होगा। यह बातें झामुमो के केंद्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में बुधवार को आयोजत एक प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले जब जमशेदपुर आये थे, तो कोल्हान स्वतंत्रता संग्राम के पोटो हो की याद आई, मगर आज हजारीबाग की जिस धरती से पीएम भाषण दे रहे थे, वहां के शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की न तो उन्हें न भाजपा को याद आयी। 1855 में संथाल क्रांति की अगुआ महिला रूपू माजी हजारीबाग की थीं, 1857 सिवरी विद्रोह के नायक जय मंगल पांडेय हजारीबाग से थे। पहली महिला स्वतंत्रता आंदोलन की नायिका सरस्वती देवी हजारीबाग से थी। स्वतंत्रता सेनारी बाबू राम नारायण सिंह भी हजारीबाग से थे मगर इनकी याद इन्हें क्यों नहीं आयी। पीएम जैसी हस्ती झारखंड आकर बीडीओ-सीओ के तबादले और पेपर लीक की बात करते तो उन्हें बताना चाहिए कि यूपी के योगी के राज में 17 बार पेपर लीक क्यों हुए। नीट का पेपर लीक गुजरात से क्यों लीक हुआ। जेपीएससी घोटाले की जांच आपकी ही जांच एजेंसी सीबीआई कर रही है।प्रधानमंत्री जो बताना चाहिए कि उस समय यहां किसकी सरकार थी, कौन मुख्यमंत्री थे, क्यों अध्यक्ष और सदस्य जेल गए। कितने भाजपा के लोगो को प्रथम जेपीएसएसी से फायदा हुआ।2001 में ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटा कर 14 प्रतिशत किसने किया। हेमंत सरकार ने तो इसे पुन: 27 प्रतिशत करने का बिल पास करके भेज दिया है। क्या आज पैसा भेजने, पैसा रखने, पैसा निकालने, पैसा डालने पर पैसा नहीं काटा जाता है।