आइरेना के महानिदेशक ला कैमेरा और ऊर्जा मंत्री खड्का के बीच शिष्टाचार भेंट स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के विस्तार पर जोर

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Ashutosh Jha

काठमांडू : अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमेरा और नेपाल के ऊर्जा, जलस्रोत तथा सिंचाई मंत्री दीपक खड्का के बीच शिष्टाचार भेंटवार्ता सम्पन्न हुई। ला कैमेरा सगरमाथा संवाद में भाग लेने औपचारिक भ्रमण पर नेपाल आए हुए हैं। ऊर्जा मंत्रालय में मंत्री खड्का ने उनका स्वागत करते हुए वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में आइरेना की भूमिका की सराहना की। मंत्री खड्का ने कहा कि आइरेना ने विश्वव्यापी ऊर्जा संक्रमण को एक नई दिशा दी है और नेपाल स्वच्छ, समावेशी और जलवायु-अनुकूल ऊर्जा प्रणाली के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

भेंट के दौरान मंत्री खड्का ने बताया कि नेपाल की ऊर्जा नीति पेरिस समझौता, सतत विकास लक्ष्य 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) और लक्ष्य 13 (जलवायु कार्यवाही) के अनुरूप है। उन्होंने निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करने, ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने और राष्ट्रीय ग्रिड के आधुनिकीकरण हेतु नेपाल सरकार द्वारा नीतिगत और संस्थागत सुधारों की जानकारी भी दी।मंत्री खड्का ने जलविद्युत को नेपाल की ऊर्जा क्षेत्र की रीढ़ बताते हुए कहा कि देश में लगभग 62 गीगावाट जलविद्युत की संभावना है, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा अभी तक उपयोग में नहीं लाया गया है। उन्होंने बताया कि नेपाल, आइरेना के साथ मिलकर जलविद्युत के सतत विकास के साथ-साथ सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग विस्तार करना चाहता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में नेपाल सरकार द्वारा स्वीकृत “ऊर्जा विकास रोडमैप” के अनुसार वर्ष 2035 तक 28,500 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता प्राप्त करने, ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली में सुधार करने और विद्युत व्यापार बढ़ाने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के समग्र विकास का लक्ष्य रखा गया है।

मंत्री खड्का ने भारत और बांग्लादेश के साथ अंतरदेशीय विद्युत व्यापार के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने की संभावना पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे नेपाल के ऊर्जा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय विश्वास बढ़ा है तथा क्षेत्रीय ऊर्जा एकीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नेपाल ने आइरेना के साथ जलविद्युत, सौर, पवन, ग्रिड एकीकरण, ऑफ-ग्रिड ऊर्जा पहुंच और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में दीर्घकालिक सहयोग का प्रस्ताव रखा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जलवायु-संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को ध्यान में रखते हुए न्यायसंगत ऊर्जा रूपांतरण के प्रति नेपाल सरकार प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर आइरेना के महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमेरा ने कहा कि उनका संगठन नेपाल के साथ दीर्घकालीन ऊर्जा साझेदारी को लेकर इच्छुक है। उन्होंने नेपाल जैसे स्वच्छ ऊर्जा की बड़ी संभावनाओं वाले देश के साथ सहयोग को आइरेना की प्राथमिकता बताया और कहा, “नेपाल की पहल दक्षिण एशिया में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणादायक होगी। हम जलविद्युत, सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी में आवश्यक तकनीकी सहयोग, ज्ञान साझेदारी और क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि आइरेना, अबू धाबी फंड फॉर डेवेलपमेंट, मासदार फंड आदि के सहयोग से नेपाल में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की संभावना पर भी विचार कर रहा है। ला कैमेरा ने नेपाल की ऊर्जा रणनीति को जलवायु-अनुकूल और समावेशी बताते हुए विश्वास जताया कि आइरेना के सहयोग से नेपाल का स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण और भी सशक्त बनेगा।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आइरेना और वैकल्पिक ऊर्जा प्रवर्द्धन केंद्र (AEPC) के बीच कुछ कार्यक्रमों पर पहले से ही सहयोग जारी है। आइरेना प्रमुख की यह यात्रा नेपाल के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को विस्तार देने, नवाचार प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और जलवायु-अनुकूल सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देखी जा रही है। नेपाल वर्ष 2017 में आइरेना का सदस्य बना था और वर्तमान में इस अंतरसरकारी संस्था में 169 देश तथा यूरोपीय संघ शामिल हैं।