आम जनता पार्टी की मजबूत विपक्षी भूमिका: सड़क से संसद तक सशक्त चेतावनी

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Ashutosh Jha

काठमांडू : नेपाल की राजनीति में जब भी सत्तारूढ़ दलों ने जनता के विरोध में कदम उठाए, तब विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। लेकिन विडंबना यह है कि आज संसद में मौजूद बड़े विपक्षी दल खुलकर विरोध करने से बच रहे हैं। ऐसे में, आम जनता पार्टी (आजपा) ने भले ही संसद में संख्या बल कम हो, लेकिन साफ़ नीतियों और बुलंद आवाज़ के साथ सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध करते हुए जनता की असली आवाज़ उठाने का काम किया है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष प्रभु साह के नेतृत्व में आजपा सरकार की भ्रष्टाचार, अनियमितता, देरी और जनविरोधी नीतियों पर लगातार सवाल उठा रहा है। सड़क से लेकर संसद तक, हर मंच पर सरकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए, गलत फैसलों के खिलाफ जनता के पक्ष में खड़ा है।

बड़े विपक्षी दल चुप क्यों हैं? : प्रतिनिधि सभा और राष्ट्रीय सभा में विपक्षी दलों की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण होती है, लेकिन आज सवाल यह उठ रहा है कि जो दल सत्ता से बाहर हैं, वे भी सरकार के खिलाफ खुलकर बोलने से क्यों बच रहे हैं? क्या इसके पीछे उनके पुराने भ्रष्टाचार के मामलों का डर है? क्या अपनी राजनीतिक गोटियाँ फिट करने के लिए वे चुप बैठे हैं? या फिर भविष्य में खुद पर कार्रवाई के डर से वे सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं? जो भी कारण हो, विपक्ष में बैठकर भी सरकार के खिलाफ न बोलना लोकतंत्र और जनता दोनों के लिए खतरनाक है। इस मौन स्थिति के बीच, आम जनता पार्टी वास्तविक विपक्षी दल की भूमिका निभाते हुए सरकार की हर जनविरोधी गतिविधि का पर्दाफाश कर रहा है।

संसद और सड़क दोनों जगह मजबूत उपस्थिति : आजपा ने विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। चाहे वह देश की गिरती अर्थव्यवस्था हो, सरकारी संस्थानों में बढ़ता भ्रष्टाचार हो, या जनता के अधिकारों पर हमले- हर मामले में पार्टी ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। विपक्षी दलों के पास संसद में संख्याबल है, लेकिन अगर वे जनता के मुद्दों पर खामोश रहते हैं, तो जनता के लिए यह चिंता की बात है। इस स्थिति में, आम जनता पार्टी संख्या की परवाह किए बिना जनता के वास्तविक मुद्दों पर फोकस कर सरकार को चुनौती दे रही है।

निष्कर्ष: छोटा दल, लेकिन बुलंद आवाज़ : विपक्ष की शक्ति उसकी संख्या में नहीं, बल्कि उसकी ईमानदारी, स्पष्टता और प्रभावशाली विरोध में होती है। आजपा ने यह साबित कर दिया है कि भले ही वह संसद में छोटी पार्टी हो, लेकिन उसकी आवाज़ सबसे बुलंद है। जब बड़े विपक्षी दल अपने स्वार्थ के कारण चुप बैठे हैं, तब आम जनता पार्टी ने बिना किसी डर के जनता की आवाज़ को संसद में गूंजने दिया है। यही कारण है कि आज यह पार्टी जनता की असली विपक्षी पार्टी बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।