आम्रपाली कोल परियोजना में प्राइवेट वाहनों से लाखों टन कोयला उठाव से खड़े हो रहे हैं कई सवाल
टंडवा:आम्रपाली कोल परियोजना में कुछ माह पूर्व एसीबी टीम ने दस्तक दी थी।जिसके बाद एसीबी टीम द्वारा अवैध लेनदेन के कई मामलों में आम्रपाली कोल परियोजना के अनेकों पदाधिकारियों को गिरफ्त ले लेकर पूरी गहनता से जांच की थी।जिसमें आम्रपाली कोल परियोजना के एक अधिकारी भी जेल जा चुके हैं।आम्रपाली कोल परियोजना इन दिनों हमेशा सुर्खियों में रहता है।प्राप्त जानकारी के अनुसार आम्रपाली कोल परियोजना में कोयला खनन का कार्य अंबे माइनिंग को मिला हुआ है।अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा कोयला को खनन कर डंप किया जाना था।जिसमें बाद कोयले की भंडारण को सीसीएल द्वारा मापी होती है।उसके बाद कोयला का ट्रांसपोर्ट किया जाता है। जबकि ऐसा न होकर वर्तमान में सैकड़ो प्राइवेट हाइवा वाहन के द्वारा सीधा खदान से कोयला लोड कर ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा है। जबकि अंबे माइनिंग का हाइवा वाहन खदान से कोयला लोड कर एक स्थान में डंप किया जाता है।उससे आसानी से कोयला का मापी कर संप्रेषित किया जाता है। फिलहाल सैकड़ो प्राइवेट हाइवा वाहन के द्वारा खदान से कोयला लोड कर ट्रांसपोर्टिंग किया जा रहा है। नियमानुसार प्राइवेट हाइवा वाहन को सीधा खदान जाने पर जुर्माना लगाया जाता था।इस प्रकार लाखों टन कोयला का प्रत्येक दिन हेरा फेरी होने की संभावना जताई जा रही है। संबंधित विभाग के द्वारा इस पर जांच होता है तो लाखों टन का अवैध रूप से ट्रांसपोर्टिंग का खुलासा हो सकता है। जिसमें आम्रपाली के कई अधिकारी समेत कंपनियों का कर्मचारी आ सकते हैं जांच एजेंसियों के गिरफ्त में।
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हालांकि इस मामले को लेकर आम्रपाली कोल परियोजना के डिस्पैच पदाधिकारी शशि भारती से पूछे जाने पर उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया।दरअसल इस तरह का संदिग्ध कारोबार में फिर आम्रपाली कोल परियोजना में जांच एजेंसी का दस्तक का न्यौता दिया जा रहा है।