कुमार कुलदीप
टंडवा( चतरा):प्रखंड क्षेत्र में कोल वाहनों के परिचालन से धूल-धूंआ तथा सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश अब फूटने लगा है।गुरुवार को टंडवा -रांची बायपास सड़क स्थित दुंदुवा के दर्जनों महिलाओं ने सड़क में आकर कोल वाहनों के परिचालन को ठप्प करा दिया।जिससे आम्रपाली व चट्टीबारियातु कोल परियोजना से कोयले की ढुलाई कर रहे सैंकड़ों कोल वाहनों की लंबी कतारें लग गई।उक्त जाम का असर टंडवा -सिमरिया मुख्य सड़क से गुजरने वाले वाहनों के परिचालन में भी देखा गया। लोगों की मानें तो इन दिनों एकेए लॉजिस्टिक्स,नकास, प्रणव नमन समेत अन्य कोल ट्रांसपोर्टिंग कंपनियां बड़े पैमाने पर दिन-रात कोयले की ढुलाई कर रही है।जिससे ग्रामीणों को जहां सड़कों में कोयले की धूल तथा बेतरतीब परिचालन से आवागमन में भारी कठिनाई होती है।वहीं दूसरी ओर बड़े पैमाने में जानमाल की क्षति भी होने लगा है।यही वजह है कि ग्रामीण अब आम सड़क से कोल वाहनों के परिचालन को तत्काल बंद करने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उक्त मांगों को लेकर टंडवा -सिमरिया मुख्य सड़क मार्ग से हो रहे कोयले की ढुलाई के विरुद्ध भी ग्रामीण गोलबंद होने की तैयारी में जुटे हैं ।जबकि ग्रामीणों के आंदोलन की सुगबुगाहट सुनकर कोल कारोबार में जुटे स्थानीय जनप्रतिनिधि व नेताओं की भी बेचैनी बढ़ने लगी है। नकास प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने हजारों हजार टन कोयला प्रत्येक दिन एनटीपीसी टंडवा को पहुंचाती हैं।सूत्रों की माने तो इस कंपनी को प्रखंड के एक प्रतिनिधि भी ट्रांस्पोट करने के लिए ऐड़ी चोटी लगाए हुवे है और ग्रामीणों को धूल गर्दा झोंक कर अपना जेब भरने में सफल साबित हो रहें हैं। ऐसे प्रतिनिधि गाड़ी में बैनर का धौंस दिखाकर दबंगताई रूप से काम लेने में सक्रिय रहते हैं। खबर लिखे जाने तक ट्रांसपोर्टिंग का कार्य बाधित था