Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में शनिवार को कांग्रेस भवन में गिरिडीह के पूर्व सांसद और मांडू से पांच बार विधायक, रहे आंदोलनकारी टेकलाल महतो की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश एवं कांग्रेस नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। प्रदेश अध्यक्ष कहा कि टेकलाल महतो के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उनकी पहचान पूरे उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र में आंदोलनकारी नेता के रूप में थी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महाजनी प्रथा व धान पेडी की लेवी के खिलाफ चलाये गये आंदोलन के अलावा झारखंड अलग राज्य आंदोलन में उनकी सक्रियता रही। बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर शिवाजी समाज का गठन कर बाल विवाह के अलावा अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाया था। वर्ष 1997 में एकीकृत बिहार विधानसभा में टेकलाल महतो ने ही सर्वप्रथम झारखंड अलग राज्य विधेयक पारित कराया था। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में उन्हें नौकरी मिली थी, लेकिन जनसेवा के जुनून के कारण नौकरी छोड़ कर राजनीति में सक्रिय हो गये। उन्होंंने कहा कि 70 के दशक में हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड के खरकी पंचायत स्थित लकमा में महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय ग्रामीण साधु, सैयनाथ और शनिचर महतो की मौत सीआरपीएफ की गोली से हो गयी थी। इस आंदोलन का नेतृत्व टेकलाल महतो कर रहे थे। उन्होंने धान पेडी की लेवी को काला कानून बताया था। इसके तहत किसानों को 10 रुपये क्विटंल की दर से धान सरकार को बेचना था।
झारखंड और छोटानागपुर क्षेत्र के किसान इसके खिलाफ गोलबंद हुए। आंदोलन की अगुवाई कर रहे टेकलाल महतो का कहना था कि सिंचाई की सुविधा नहीं है तो लेवी भी नहीं देंगे। इस आंदोलन ने संयुक्त बिहार सरकार को हिला दिया और उसे झुकना पड़ा था। किसानों ने तब नारा लगाया था। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों राकेश सिन्हा, रविन्द्र सिंह, अभिलाष साहु, रजन वर्मा, विनय सिन्हा दीपू, केके गिरि, डॉ एम तौसीफ अमुल्य नीरज खलखो, कमल ठाकु, खुर्शीद हसन रूमी, विनय कुमार चौबे, केदार पासवान समेत अन्य शामिल थे।