आरबीआई ने एआई के नैतिक उपयोग पर 8 सदस्यीय पैनल किया गठित

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Eksandeshlive Desk

मुंबई/नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जिम्मेदार एवं नैतिक इस्‍तेमाल के बारे में एक रूपरेखा तैयार करने के लिए गुरुवार को 8 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की। ये समिति पहली बैठक की तारीख से छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

रिजर्व बैंक के मुताबिक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे। भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली यह पैनल वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत में वित्तीय सेवाओं में एआई को अपनाने के वर्तमान स्तर का आकलन करेगा। यह समिति वैश्विक स्तर पर वित्तीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई पर विनियामक और पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की समीक्षा करेगी। यह पैनल एआई से जुड़े संभावित जोखिमों की पहचान करके परिणामी अनुपालन आवश्यकताओं की सिफारिश करेगा। यह समिति भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एआई मॉडल या अनुप्रयोगों को जिम्मेदारीपूर्वक नैतिक रूप से अपनाने के लिए शासन संबंधी पहलुओं सहित एक रूपरेखा की सिफारिश करेगी।

आरबीआई ने कहा कि इस समिति में देबजानी घोष (स्वतंत्र निदेशक, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब), बलरामन रवींद्रन (प्रोफेसर और प्रमुख, वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड एआई, आईआईटी मद्रास), अभिषेक सिंह (अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) शामिल हैं। इनके अलावा राहुल मथन (साझेदार, ट्राइलीगल), अंजनी राठौर (समूह प्रमुख और मुख्य डिजिटल अनुभव अधिकारी, एचडीएफसी बैंक), हरि नागरालू (सुरक्षा एआई अनुसंधान प्रमुख, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया) और सुवेंदु पति (मुख्य महाप्रबंधक, वित्त प्रौद्योगिकी, आरबीआई) को सदस्य बनाया गया है।