Eksandeshlive Desk
खूंटी : प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआइ का कुख्यात नक्सली गोविंद मांझी आठवीं बार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मांझी रांची, खूंटी, चाईबासा, सिमडेगा सहित कई जिलों में व्यापारियों और ठेकेदारों से पीएलएफआइ के नाम पर लेवी वसूलने वाले गिरोह का सरगना है। पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे गुरुवार को जेल भेज दिया। उसकी गिरफ़्तारी कर्रा थाना क्षेत्र के करमडीह जंगल से की गयी। वह तपकारा थाना क्षेत्र का रहने वाला है।
रांची, खूंटी, चाईबासा आदि जिलों के कई मामलों का खुलासा
तोरपा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी क्रिस्तोफर केरकेट्टा ने गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गोविंद मांझी की गिरफ़्तारी से रांची, खूंटी, चाईबासा, सिमडेगा आदि जिलों में घटित कई मामलों का खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक अमन कुमार को गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआइ संगठन के कुछ नक्सली कर्रा थाना क्षेत्र के करमडीह जंगल में जुटे हैं तथा किसी बढ़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना के बाद एसपी ने एसडीपीओ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने करमडीह जंगल में छापेमारी कर गोविंद मांझी ऊर्फ राजन दा को गिरफ़्तार कर लिया। उसके पास से एक देसी कट्टा, तीन जिंदा कारतूस, दो मोबाइल फोन तथा पीएलएफआइ का पर्चा बरामद किया गया।
गोविंद मांझी ऊर्फ राजन कई संगीन मामलों रहा है शामिल
गोविंद मांझी ऊर्फ राजन दा हत्या, लूट सहित उग्रवादी गतिविधि से संबंधित कई मामले में पूर्व से शामिल रहा है। वह इसके पूर्व सात अलग-अलग कांड में जेल की हवा खा चुका है। तोरपा बांसटोली टोंगरी में हुए दोहरे हत्याकांड, डोड़मा तथा तपकारा बाजार में व्यापारियों से हुई लूट सहित आर्म्स एक्ट और उग्रवादी गतिविधि से संबंधित मामले में वह जेल जा चुका है। गोविंद मांझी को गिरफ्तार करने वाली टीम में एसडीपीओ के अलावा पुलिस इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह, कर्रा थाना प्रभारी मनीष कुमार, रनिया थाना प्रभारी विकास जयसवाल, जरियागढ़ थाना प्रभारी राजू कुमार, सब इंस्पेक्टर दीपक कांत, निशा कुमारी, जुगेश सिंह, भारत भूषण पटेल आदि शामिल थे।